-रेल रोको आंदोलन : रेलवे ट्रैक पर उतरे किसान ट्रेनों के पहिए थमे;
चंडीगढ़। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन ने रविवार को रेल रोको आन्दोलन शुरू किया। इसके तहत, किसानों ने पंजाब के कई जिलों के रेलवे स्टेशनों पर धरना डाला। रेलगाड़ियां ट्रैक पर ही खड़ी रहीं। यात्रियों ने रेल मार्ग की अन्य मार्ग का सहारा लिया। किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मांगे सुनने को कहा। अमृतसर, जालंधर और सुनाम में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के किसानों ने भी रविवार को अमृतसर के देवीदासपुरा में राष्ट्रव्यापी रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे ट्रैक को बंद किया। अंबाला मंडल से गुजरने वाली 35 ट्रेनें प्रभावित
आधा दर्जन ट्रेनों को रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से अंबाला कैंट स्टेशन समेत बराड़ा, यमुनानगर, जगाधरी स्टेशनों पर रोके रखा। पंजाब के अलग-अलग रेल मार्गों पर बैठे किसानों की वजह से अंबाला मंडल से गुजरने वाली 35 ट्रेनें प्रभावित रहीं। इस दौरान नौ यात्री ट्रेनों को पूर्ण तौर पर रद्द रखा गया। वहीं 26 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों को बीच रास्ते में रोककर एवं गंतव्य रेलवे स्टेशन से देरी से रवाना किया गया।
किसान नेताओँ ने भरी हुंकार
भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद और सिद्धूपुरा के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। किसान नेता जसविंदर सिंह लोंगोवाल, जसवीर सिंह मेदेवास और रण सिंह चट्ठा ने कहा कि किसानों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार को सहन नहीं किया जा सकता है। केंद्र व हरियाणा सरकार ने किसानों पर अत्याचार किए हैं। भाकियू खोसा के प्रांतीय सचिव गुणवंत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की कारपोरेट हितैषी नीतियां किसानों को खत्म करने पर तुली हैं। इसके विरोध में पिछले 17 दिनों से शंभू बॉर्डर पर धरना चल रहा है लेकिन सरकार किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
—
महिलाओं ने भी रेलवे ट्रैक पर लगाया धरना
(फोटो : महिला)
पंजाब के नाभा रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन के इंतजार में घंटों खड़े रहे। किसानों के पक्ष में उतरी महिलाएं भी ट्रैक पर धरना प्रदर्शन करती दिखी।
000000

