बंगाल में इंडिया में टूट… ममता ने सभी 42 सीटों पर उतारे उम्मीदवार, अधीर के खिलाफ पठान, शत्रुघ्न और महुआ पर भी दांव

–इंडिया गठबंधन में टूट के आसार, 42 सीटों पर ममता ने उतारे टीएमसी उम्मीदवार

खास बातें

00 दीदी बोलीं-बंगाल दिखाएगा रास्ता, सात सांसदों के काटे टिकट

00 6 मुस्लिम, 12 महिलाएं और 11 विधायकों को दिया मौका

कोलकाता। विपक्ष गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक को रविवार को बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ‘एकला चलो’ का नारा देते हुए लोकसभा चुनाव के लिए अपनी बिसात बिछा दी है। टीएमसी ने प्रदेश में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। यूसुफ पठान को अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ मैदान में उतारा गया है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को राज्य की सभी 42 लोकसभा सीट के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी की। पार्टी ने सात सांसदों को टिकट नहीं दिया है और कुछ नए चेहरों को मैदान में उतारा है जिनमें पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का नाम भी शामिल है । तृणमूल कांग्रेस ने पुराने नेताओं और अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच जारी कथित सत्ता संघर्ष के बीच अनुभवी नेताओं और नई प्रतिभा का सामंजस्य बनाए रखा। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को असानसोल से फिर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। सिन्हा ने पिछला चुनाव भी आसनसोल से जीता था। बसीरहाट लोकसभा सीट से पार्टी ने पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को मैदान में उतारा है और यहां से सांसद नुसरत जहां को टिकट नहीं मिला है। हाल ही में चर्चा में रहा संदेशखालि इसी लोकसभा क्षेत्र में स्थित है। पार्टी ने 23 सांसदों में से 16 पर भरोसा जताया है। तृणमूल कांग्रेस ने सात मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है जिनमें बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह भी शामिल हैं जो दो साल पहले भाजपा छोड़कर सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गये थे। नए चेहरों में 12 महिला और 26 पुरुष शामिल हैं, जिनमें मौजूदा सांसद और पिछले दावेदार शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, पश्चिम बंगाल कैबिनेट के दो मंत्रियों -पार्थ भौमिक और बिप्लब मित्रा- सहित नौ विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया गया है। कोलकाता में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, मैंने उम्मीदवार खड़े किए हैं, कुछ लोगों को टिकट नहीं दिया गया है। जिन लोगों को दोबारा नामांकित नहीं किया गया है, उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान समायोजित किया जाएगा। पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरामपुर लोकसभा सीट से नामांकित किया गया है, जो ऐतिहासिक रूप से राज्य कांग्रेस प्रमुख और पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ है। तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। महुआ को पिछले साल सवाल के लिये धन के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। पूर्व क्रिकेटर और पार्टी नेता कीर्ति आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है, जो 2019 में भाजपा से हार गए थे। लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारे गये नौ विधायकों में भाजपा छोड़कर आए बिस्वजीत दास और मुकुटमणि अधिकारी शामिल हैं। बिस्वजीत दास और मुकुटमणि अधिकारी मटुआ समुदाय के गढ़ बोनगांव और राणाघाट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से सत्तारूढ़ दल 2019 में भाजपा से हार गया था। पार्टी ने अनुभवी नेताओं और नए लोगों के बीच संतुलन बनाए रखा है। तीन बार के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय, सताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी और काकोली घोष दस्तीदार को क्रमश: उतर कोलकाता, दमदम, बीरभूम, सेरामपुर एवं बारासात से दोबारा टिकट दिया गया है। पार्टी ने सायोनी घोष, देबांगशु भट्टाचार्य, गोपाल लामा, विधायक जून मालिया, बापी हलदर और अभिनेत्री रचना बनर्जी जैसे नए चेहरों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। कांथी और तमलुक के तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी दिसंबर, 2020 में उनके परिवार के सदस्य शुभेंदु अधिकारी के भाजा में शामिल होने के बाद से पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं। इन दोनों सांसदों के नाम पार्टी की सूची में नहीं है। इसके अलावा, सुजाता मंडल खान को उनके पूर्व पति और मौजूदा भाजपा सांसद सौमित्र खान के खिलाफ बिष्णुपुर सीट से मैदान में उतारा गया है। भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी प्रसून बनर्जी को मालदा उत्तर सीट से मैदान में उतारा गया है।

क्यों टूटा गठबंधन

पश्चिम बंगाल में इंडिया ब्लॉक टूटने के पीछे कई वजह बताई जा रही हैं। जानकारों का मानना है कि टीएमसी और कांग्रेस गठबंधन न हो पाने के पीछे मुख्य वजह कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की बयानबाजी है, क्योंकि अधीर रंजन पिछले साल 2023 से लगातार ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं। ऐसे में साफ हो गया है कि ममता अधीर के खिलाफ कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती। अधीर को हराने के लिए पार्टी के सबसे कद्दावर चेहरे को मैदान में उतारा है। दरअसल, ममता बनर्जी का बंगाल में अकेले चलने का फैसला कांग्रेस के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि उन्होंने पहले कई बार मंच से कांग्रेस नेतृत्व पर उनके सुझाव और प्रस्ताव अस्वीकार करने का आरोप लगाए।

न्योता न मिलने से नाराज

जानकारों का यह भी कहना है कि राहुल गांधी जब अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ पश्चिम बंगाल पहुंचे थे, तो उस वक्त ममता बनर्जी को यात्रा में शामिल होने के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। उस वक्त ममता ने राहुल गांधी की नाम लिए बिना कहा कि वह पश्चिम बंगाल में यात्रा करने जा रहे हैं। शिष्टाचार के नाते भी उनको इसकी जानकारी नहीं दी गई। हालांकि कांग्रेस ने नेताओं ने ममता के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और बताया कि ममता बनर्जी सहित इंडिया ब्लॉक के सभी साथियों को यात्रा में शामिल होंगे।

नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती भी गायब

टीएमसी की लिस्ट में महुआ मोइत्रा का नाम तो शामिल है, लेकिन नुसरत जहां का नाम काट दिया गया है। इसके अलावा मिमी चक्रवर्ती का नाम भी लिस्ट गायब है। टीएमसी को कृष्णानगर से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल से टिकट दिया गया है। अभिषेक बनर्जी को डायमंड हार्बर से टिकट दिया गया है।

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