पटियाला। पंजाब के पटियाला में जुलूस निकालने पर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई। शहर में कानून व्यवस्था को संभालने शुक्रवार की शाम 7 बजे से शनिवार की सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार शिवसैनिक खलिस्तान के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे। इसी दौरान खलिस्तान समर्थकों ने इस मार्च का विरोध किया। देखते-देखते दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़प होने लगी। कुछ खलिस्तानी समर्थक भवनों पर चढ़कर पत्थरबाजी करने लगे। इस दौरान तलवारें भी लहराईं गईं। पुलिस ने हालात कंट्रोल करने के लिए कई हवाई फायर भी किए। हालात बिगड़ते देख वहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बिना अनुमति के जुलूस निकालना चाह रहे थे लोग
जानकारी के अनुसार, दोनों संगठन फव्वारा चौक की तरफ जुलूस की शक्ल में जाना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस का कहना है दोनों के पास वहां जाने की अनुमति नहीं थी। इस बवाल में एक एसएचओ के घायल होने की भी खबर है। पुलिस के तीन-चार जवान घायल हुए हैं।
किसी को शांति भंग करने नहीं दी जाएगी : मान
इस घटना के बाद सीएम भगवंत मान ने हाईलेवल मीटिंग बुला ली है। जिसमें डीजीपी वीके भावरा समेत लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े सभी सीनियर अफसरों को तलब किया गया है। मान ने कहा कि पटियाला की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने इस संबंध में डीजीपी से बात की है। इलाके में शांति की स्थिति बहाल हो गई है। किसी को भी शांति भंग नहीं करने दिया जाएगा। पंजाब में शांति और भाईचारा हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
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बताया गया कि यहां शिवसेना ने खालिस्तान के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन की तैयारी की थी। इसका पता चलते ही खालिस्तान समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। वहां पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और वापस भेज दिया। हालांकि सिख संगठनों के सदस्य काली माता मंदिर में तलवारें लेकर पहुंच गए। यहां दोनों पक्षों के बीच जमकर ईंट-पत्थर चले।

