-हिमाचल का सियासी संकट
(फोोट : विक्रम)
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट खत्म हो चुका है। छह बागियों की वजह से सरकार पर बड़ा संकट आया था, जो तीन दिन की माथापच्ची और मंथन के बाद समाप्त हो गया है। स्पीकर ने बागियों की विधानसभा सदस्यता जहां खत्म कर दी थी। लेकिन अब सरकार इन बागियों के संपर्क में हैं। सूत्र बताते हैं कि एक कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने चंडीगढ़ में बागियों के साथ मुलाकात की है। बता दें कि शिमला गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग को भी मंत्री ने बीच में छोड़ दिया था और चले गए थे। सूत्रों के अनुसार, सरकार के एक कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने चंडीगढ़ के होटल ललित में बागी कांग्रेसी नेताओं से बातचीत की है। यहीं बागी कांग्रेसी ठहरे हैं। हालांकि, मीटिंग की ज्यादा जानकारी नहीं मिली है।
प्रतिभा ने भी किया था बागियों का समर्थन
शिमला में गुरुवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बागियों का समर्थन करते हुए कहा था कि जल्दबाजी में फैसला हुआ है। जब पूछा गया कि छह बागी कांग्रेसियों के विधायिकी के निष्कासन के फैसले लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि बिलकुल असर पड़ेगा। जब आपको एक साल से अधिक का समय हो गया है और आप उनकी बात नहीं सुन रहे. उनका नाराज होना जायज सी बात है। उनको बिठाते और बातचीत करते तो कोई सॉल्युशन निकालते तो आज यह हालात पैदा नहीं होते।
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भाजपा की कार्यप्रणाली कांग्रेस से बेहतर : प्रतिभा
शिमला। इधर, कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जहां चंडीगढ़ के निजी होटल में बागी हुए पूर्व छह विधायकों से मुलाकात की। वहीं, उनकी माता और प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बड़ा बयान दिया है। प्रतिभा सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि भाजपा की कार्यप्रणाली कांग्रेस से बेहतर है। बातचीत में प्रतिभा सिंह से कहा कि मुझे लगता है कि छोटी-मोटी नाराजगी होती रहती है। सीएम भी बागियों से नाराज हुए हैं। सभी को ठंडे दिमाग के सोचना होगा और मिलकर समस्या को सुलझाना चाहिए. बागी पूर्व विधायकों और रूष्टों को अपने पक्ष में लेकर आने के सवाल पर प्रतिभा कहती हैं कि सीएम को फैसला लेना होगा, उसके बाद फिर सकंट के बादल छंट जाएंगे।
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