पुलिस मुखबिरी का शक
फोटो…..नक्सल
जगदलपुर/ काेंटा
सुकमा में दो ग्रामीणों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की गला रेतकर हत्या कर दी। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस मुखबिरी के आरोप में ग्रामीणों की हत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जनवरी माह से 53 दिन में अब तक नक्सलियों ने 10 से ज्यादा ग्रामीण पर पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करने का आरोप लगाकर उनकी निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी है।
नक्सलियों ने सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुल्लेड़ गांव के रहने वाले दो अन्य ग्रामीणों को भी चेतावनी दी है। सुकमा जिले में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर दो ग्रामीणों की गला रेतकर हत्या कर दी है। नक्सली संगठन के पामेड़ एरिया कमेटी ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए प्रेस नोट भी जारी किया है। मृत दोनों ही ग्रामीण घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दुल्लेड़ गांव के निवासी थे, जिनका नाम सोढ़ी हूंगा और माड़वी नंदा है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों को घर से अगवा कर कुछ दूर ले जाकर उनकी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी।
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गांव में दो लोगों को और दी चेतावनी
चिंतागुफा थाना की पुलिस को सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने दोनों ग्रामीणों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मौके से नक्सली पर्चा भी बरामद किया है। जिसमें दोनों ग्रामीणों पर पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करने का आरोप नक्सलियों ने लगाया है। इसके अलावा इसी गांव के रहने वाले पड़मा (पंगाल ड़ेंगाल) और देवे पर भी पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया है, इस काम को छोड़कर साधारण जिंदगी जीने की चेतावनी दी है। इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
माओवादी भोले-भाले लोगों को कर रहे दिग्भ्रमित
उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा करीबन 4 दशकों से बस्तर क्षेत्र में जनता को दिग्भ्रमित कर लगातार गुमराह किया गया है, साथ ही निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, उनके संपत्तियों की लूटपाट, बालक-बालिकाओं को नक्सल संगठन में जबरन भर्ती कर उनका शोषण करना, कैडरो का बलपूर्वक नसबंदी करवाने जैसे अनेकों मानव अधिकारों का हनन के साथ-साथ, एक स्वतंत्र जीवन यापन करने के अधिकार से भी ग्रामीणों को वंचित कर रहे हैं।
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अवोम ने की निंदा
एसोसिएशन फॉर विक्टिम्स ऑफ माओवादी अवोम ने सुकमा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए इस हत्याओं की कड़ी आलोचना करते हुए निंदा की। अवोम ने लिखा है कि जिन्हें लाल सलाम वालों ने फोर्स का मुखबिर बता के मार डाला। पिछले कुछ महीनों में ऐसे ही बहुत सारे निर्दोष की जान ली गई है। किसी को भी पुलिस का साथी या कंपनी वालों का दलाल बता के मारा जा रहा है। फोर्स वाले जैसे जैसे अपना कैंप खोल रहे है, लाल सलाम वालों को डर लग रहा है की अब उनका राज खत्म होने वाला है। इसलिए वो लोग गांव वालों को मार के दहशत फैलाना चाहते हैं। अवोम इन सारी हत्याओं के लिए न्याय की मांग करता है।
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बौखलाहट में कर रहे ग्रामीण की हत्या
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने माओवादियों द्वारा जिला सुकमा अंतर्गत दो ग्रामीणों के हत्या करने के उक्त घटना के संबंध में इसकी घोर निंदा करते हुए बताया कि माओवादियों के आधार इलाकों में शासन के जन कल्याणकारी योजनाएं और विकास कार्य निरंतर पहुंचने से माओवादियों की जमीनी पकड़, जनाधार अब अस्तित्वविहीन होने लगी है। इससे माओवादियों द्वारा बौखलाहट में आम ग्रामीण की हत्या की गई है। बस्तर संभाग में शांति, सुरक्षा ओर विकास हेतु बस्तर पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिक बल एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा पूर्ण रूप से समर्पित, दृढ़ संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है।
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