—नेहरू-गांधी परिवार में 60 साल में दूसरी बार ऐसा
नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अब संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में दिखाई देंगी। उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है, जहां से उनकी जीत तय मानी जा रही है। बुधवार को राजस्थान विधानसभा भवन में सोनिया गांधी नामांकन दाखिल करने के समय उनके बेटे राहुल गांधी बेटी प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत कई नेता मौजूद थे।
राज्यसभा में जाने वाली वह नेहरू-गांधी परिवार की दूसरी सदस्या होंगी। इनसे पहले उनकी सास इंदिरा गांधी भी राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं। अंतर इतना है कि सोनिया संसदीय राजनीति के अंतिम दौर में उच्च सदन पहुंच रही हैं, जबकि इंदिरा ने संसदीय राजनीतिक जीवन में प्रवेश ही राज्यसभा से किया था।
1964 में जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन हो गया था, तब इंदिरा गांधी उत्तर प्रदेश से अगस्त 1964 में राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं। उस वक्त लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे। शास्त्री ने उन्हें अपनी कैबिनेट में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया था। वह 1964 से 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। जनवरी 1966 में जब लाल बहादुर शास्त्री का निधन हुआ तो वह राज्यसभा में रहते हुए ही देश की प्रधानमंत्री बनी थीं।
इंदिरा गांधी राज्यसभा का सदस्य रहते हुए प्रधानमंत्री बनने वाली पहली शख्सियत थीं। साथ ही वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी थीं। इसके अगले साल 1967 में हुए आम चुनावों में इंदिरा गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था। उन्होंने फिर 1971 और 1980 का भी चुनाव रायबरेली से ही जीता था। 1977 में उन्हें राज नारायण ने करारी शिकस्त दी थी।
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पूर्व पीएम मनमोहन का पूरा हो रहा कार्यकाल
कांग्रेस राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों में से एक पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अप्रैल में छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह सीट खाली हो जाएगी।लोकसभा सांसद के रूप में पांच कार्यकाल पूरे करने के बाद उच्च सदन में यह 77 वर्षीय सोनिया गांधी का पहला कार्यकाल होगा।
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रायबरेली से चुनाव लड़ेगी प्रियंका!
ऐसी चर्चा है कि रायबरेली से इस बार प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाह रही थीं। इसलिए उन्हें राज्यसभा से संसद में भेजा जा रहा है। सोनिया गांधी ने 2019 में घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा। सोनिया गांधी ने तेलंगाना या कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्य के बजाय राजस्थान से चुनाव लड़ने का फैसला किया। राजस्थान में पार्टी तीन सीटों में से एक पर आसानी से जीत की स्थिति में है।
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भाजपा की ऐसी तैयारी—
नड्डा गुजरात, वैष्णव ओडिशा, अशोक चव्हाण को भी टिकट
भाजपा ने राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए बुधवार को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को गुजरात, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को ओडिशा और एल मुरुगन को मध्य प्रदेश से उम्मीदवार घोषित किया। केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के अगले ही दिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र से राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया। पार्टी ने 15 राज्यों की 56 सीट पर होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर बुधवार को पहले मध्य प्रदेश और ओडिशा के लिए पांच उम्मीदवारों की सूची जारी की तथा इसके कुछ देर बाद गुजरात से चार और महाराष्ट्र से तीन उम्मीदवारों की सूची जारी की। नड्डा के अलावा गुजरात से प्रसिद्ध हीरा कारोबारी गोविंद भाई ढोलकिया, मयंक भाई नायक और जसवंत सिंह परमार को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।
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