–दिल्ली में टीकरी से लेकर सिंघु बॉर्डर तक कड़ा पहरा; सड़क पर ट्रकों की लगी लंबी कतारें
–पंजाब से किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया, पंजाब-हरियाणा सीमा पर हुआ टकराव
–किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के नौ स्टेशन पर गेट बंद
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इंट्रो
किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। दिल्ली बार्डर पर कड़ा पहरा है, ऐसे में किसान आंदोलन ने अब हिंसक रूप ले लिया है। पंजाब एवं हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी है। वहीं, पुलिस की ओर से लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। इस हिंसक कार्रवाई में करीब 13 लोग जख्मी हो गए हैं। यही नहीं किसानों ने बैरिकेडिंग भी उखाड़नी शुरू कर दी हैं। अब तक पुलिस बल उन्हें पंजाब की सीमा में ही रोके रखने में सफल रहे हैं, लेकिन हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं।
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नई दिल्ली/चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे किसानों के दिल्ली कूच करने के बीच अंबाला के समीप शंभू में पंजाब से लगती सीमा पर लगाए अवरोधक तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुछ किसानों को शंभू सीमा के समीप हिरासत में भी लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च में शामिल युवाओं के एक समूह ने अंबाला में शंभू सीमा पर लगाए अवरोधक तोड़ने की कोशिश की जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। जब कुछ युवाओं ने लोहे के अवरोधक तोड़े और इसे घग्घर नदी पुल से फेंकने की कोशिश की तो पुलिस को आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े। उन्होंने बाद में आंसू गैस का गोला गिराने के लिए एक ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। किसानों ने फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद दिल्ली की ओर कूच करने का फैसला किया। कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ फतेहगढ़ साहिब से सुबह करीब 10 बजे मार्च शुरू किया और वे शंभू सीमा के जरिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब और शंभू सीमा के बीच दूरी करीब 35-40 किलोमीटर है। किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले को राष्ट्रीय राजमार्ग पर शंभू सीमा की ओर बढ़ते हुए देखा गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली में बुजुर्ग, युवा और महिलाओं को बैठे हुए देखा गया। हरियाणा की ओर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने पंजाब की ओर से सीमा पर आ रहे युवाओं के एक समूह को शंभू सीमा के समीप अवरोधकों से दूर रहने को भी कहा। हरियाणा में प्राधिकारियों ने कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं की किलेबंदी कर दी है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर कई स्थानों पर पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियों समेत दंगा रोधी वाहन भी तैनात किए गए हैं। सुरक्षाकर्मी ड्रोन के जरिए भी सुरक्षा पर नजर रख रहे हैं। हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू की हैं जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर भारी अवरोधक लगाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि राज्य की सीमाएं ‘अंतरराष्ट्रीय सीमाओं’ में बदल गयी है। उन्होंने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया।
पंधेर ने किसानों के दिल्ली की ओर कूच करने से पहले फतेहगढ़ साहिब जिले में पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसा नहीं लगता कि पंजाब और हरियाणा दो राज्य हैं। ऐसा लगता है कि वे अंतरराष्ट्रीय सीमा बन गए हैं। 2024 के दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा और 150 यूनियनों के मंच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले 250 किसान संघों द्वारा किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अलग हुआ गुट है।
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अर्द्धसैन्य कर्मियों की 64 कंपनियां
हरियाणा में अर्द्धसैन्य कर्मियों की 64 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पंजाब के विभिन्न हिस्सों से ट्रैक्टर-ट्रॉली प्रदर्शन में भाग लेने के लिए बाहर निकलीं।
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सीमा पर पहरा, सड़क पर रेंग रहे वाहन
किसानों का काफिला पंजाब से दिल्ली की तरफ कूच करते ही दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर मंगलवार दोपहर 12 बजे वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। एंबुलेंस समेत आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है। दिल्ली-गुरुग्राम और दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर पर भी पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी गई है। दिल्ली-यूपी के गाजीपुर व चिल्ली बॉर्डर पर सख्त निगरानी है।
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हाईकोर्ट की नसीहत, हल निकाले सरकार
इस बीच, यह मामला हाई कोर्ट भी पहुंचा है। हाई कोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को नसीहत दी है कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए और किसानों के साथ बैठकर मसले का हल निकालें। इसके अलावा आंदोलन से आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। बता दें कि सोमवार रात को 5 घंटे लंबी चली बातचीत के बाद भी सरकार से कोई सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद अब किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
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मंत्री अनुराग बोले- किसान उठ कर चल पड़े तब भी…
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के बढ़ावे के लिए और किसान के कल्याण के बहुत सारे कार्य किए हैं। जब किसानों ने मांग रखी तब हमने चर्चा के लिए एक दम से सहमति जताई। इस बार भी हमारे केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ गए और कई घंटे तक वार्ता भी की, जब किसान उठ कर चल पड़े तब भी हमने कहा कि चर्चा को जारी रखिए। जब नए मुद्दे जुड़ते जाएंगे तो समय तो लगेगा। हमारा कहना है कि हम नए विषयों पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं लेकिन इस पर अन्य लोगों से भी बात करनी पड़ेगी, क्या ये गलत हैं? मैं प्रदर्शनकारियों से कहूंगा कि हिंसा ना करें, उग्र ना हों। मैं किसान नेताओं से अनुरोध करता हूं कि कृपया करके बातचीत का दौर जारी रखें।
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टिकैत बोले-हम सब एक हैं…
किसानों के दिल्ली कूच के बीच राकेश टिकैत ने बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी अपील है कि वो किसानों से बात करें, उन्हें रोकने की कोशिश न की जाए। टिकैत ने कहा, वे किसान हैं और हमारी मांगें एक जैसी हैं। किसान कभी भी पीछे हटने वाले नहीं हैं और हमारा आंदोलन बंद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं और जरूरत पड़ी तो हम भी शामिल हो जाएंगे।
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क्या है किसानों की मांग?
00 सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून
00 डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमतें निर्धारित करें
00 किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी
00 भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का कार्यान्वयन, जिसमें अधिग्रहण से पहले किसानों से लिखित सहमति और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान
00 अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी हत्याकांड के अपराधियों को सजा
00 विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलना और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाना
00 किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन का ऐलान हो
00 दिल्ली विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वाले किसानों के लिए मुआवजा, जिसमें परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी शामिल
00 विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को खत्म करना
00 मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 (100 के बजाय) दिन का रोजगार, दैनिक मजदूरी 700 रुपये और योजना को खेती से जोड़ा जाए
00 नकली बीज, कीटनाशक, उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना। बीज की गुणवत्ता में सुधार की जाए
00 मिर्च और हल्दी जैसे मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन करें
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किसानों के समर्थन में राहुल, कहा
अंबिकापुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ अंबिकापुर पहुंचे। जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आज किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। उन्हें रोका जा रहा है, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, वे क्या कह रहे हैं। वे सिर्फ अपनी मेहनत का फल मांग रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि किसानों को वाकई एमएसपी का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार ऐसा नहीं कर रही है। जब भारत सरकार सत्ता में आएगी तो हम भारत के किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला (कानून) देंगे। स्वामीनाथन रिपोर्ट में जो उल्लेख किया गया है, हम उसे पूरा करेंगे।
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