हाथ पकड़कर मंच पर आए, हिंदी में बोले रतन टाटा, असम में दिया भावुक भाषण, बोले, मैं अपने आखिरी वर्षों को हेल्थ सेक्टर को समर्पित करता हूं

नई दिल्ली। मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा…। कुछ देर अंग्रेजी में बोलने के बाद रतन टाटा खुद को रोक न सके। टूटी-फूटी ही सही, पर हिंदी में बोलने लगे। उम्र के असर के कारण उनकी आवाज में थरथराहट थी। मौका असम में कैंसर हॉस्पिटलों के उद्घाटन का था। इन अस्पतालों को बनाने में सरकार के साथ टाटा की भी हिस्सेदारी है। कार्यक्रम में पीएम मोदी मंच पर मौजूद थे। रतन टाटा भी इस मौके पर बुलाए गए। अधिक उम्र के कारण टाटा अनाउंसर की मदद से किसी तरह माइक पर आए और उन्होंने दिल से बातें कहनी शुरू कीं। उन्होंने कहा कि मुझे हिंदी में भाषण देना नहीं आता, इसलिए मैं अंग्रेजी में बोलूंगा। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने आगे कहा- संदेश एक ही होगा। मेरे दिल से निकला हुआ। टाटा ने इसके बाद असम में कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन को राज्य के इतिहास का बड़ा दिन बताया। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर और कैंसर के इलाज के क्षेत्र में असम एक पायदान पर खड़ा है। इस दौरान पीएम मोदी टाटा की हर एक बात को बेहद गौर से सुनते हुए दिखाई दिए।

टूटी-फूटी हिंदी

कुछ देर अंग्रेजी में बोलने के बाद टाटा हिंदी में हाथ तंग होने के बावजूद हिंदी में बोलने लगे। उन्होंने टूटी-फूटी हिंदी में कहा, आज असम दुनिया को बता सकता है कि इंडिया का एक छोटा स्टेट कैंसर का इलाज कर सकता है।

पीएम मोदी काे कहा- थैंक्यू

टाटा ने मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मोदी गर्वनमेंट को मैं थैंक्यू बोलता हूं कि वे असम को भूले नहीं, आगे बढ़ेगा। मैं उम्मीद करता हूं कि यह स्टेट आगे जाएगा। भारत का झंडा और इंडिया फ्लैग.. दिल से यह स्टेट आगे बढ़ेगा।

पीएम मोदी ने असम में 6 कैंसर अस्पतालों का किया उद्घाटन

पीएम मोदी ने डिब्रूगढ़ के खनिकर मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान असम के 6 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया और सात कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी। इस खास मौके परपीएम मोदी ने कहा, आज इस ऐतिहासिक नगर से मैं असमिया गौरव, असम के विकास में अपना योगदान देने वाली, यहां की सभी महान संतानों का स्मरण करता हूं और आदरपूर्वक उन सभी को नमन करता हूं। आज यहां असम के 7 नए कैंसर अस्पतालों का लोकार्पण किया गया है। पीएम मोदी ने कहा, एक जमाना था जब 7 साल में एक भी अस्पताल खुल जाए तो बहुत बड़ा उत्साह माना जाता है। आज वक्त बदला और एक दिन में एक राज्य में 7 अस्पताल खुल रहे। अब कही और जाने की जरूरत नहीं होगी।

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