-‘एन अनकॉमन लव: द अर्ली लाइफ ऑफ सुधा एंड नारायण मूर्ति’ में किया खुलासा
(फोटो : नारायण)
नई दिल्ली। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति और पत्नी सुधा मूर्ति को लेकर एक दिलचस्प किस्सा सामने आया है। उन्होंने उन दिनों को याद किया, जब वे सुधा मूर्ति को छोड़ने के लिए ट्रेन में बिना टिकट के 11 घंटे सफर किया था। बता दें कि इसका खुलासा अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी ने अपनी किताब ‘एन अनकॉमन लव: द अर्ली लाइफ ऑफ सुधा एंड नारायण मूर्ति’ में किया है। यह किताब नारायणमूर्ति और सुधा मूर्ति के जीवन पर ही आधारित है।
रिश्तों का किया जिक्र
मीडिया से बात करते हुए कृष्णमूर्ति ने बताया कि उनदिनों वह प्रेम में थे। उन्होंने कहा, ‘आप समझ रहे होंगे कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं। उस समय हार्मोन सक्रिय हो रहे होंगे। आप जानते हैं कि यह कैसा होता है। वह एक अलग उम्र था, लेकिन मैं एक स्थाई शादी की बात कर रहा हूं और जब बच्चे होते हैं तो रिश्ते की सुंदरता और बढ़ जाती है। रिश्तों में भी मसाला की आवश्यकता होती है।’
सुधा को कंपनी से बाहर रखना बड़ी गलती
हाल ही में नारायणमूर्ति ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने सुधा को कंपनी से बाहर रखकर गलती की। उन्होंने बताया कि सुधा उनसे और इस टेक कंपनी के अन्य छह संस्थापकों से ज्यादा योग्य हैं। पत्नी को कंपनी में शामिल न करने पर अपना तर्क देते हुए नारायणमूर्ति ने बताया कि उन दिनों उनका मानना था कि किसी को भी अपने परिवार को अपनी कंपनी में नहीं लाना चाहिए। नारायणमूर्ति ने कहा, ‘मुझे लगा कि अच्छे कॉरपोरेट गवर्नेंस का मतलब इसमें अपने परिवार को शामिल न करना है। क्योंकि उन दिनों जब बच्चे कंपनी चलाते थे तो कई नियमों का उल्लंघन होता था। लेकिन कुछ साल पहले मैंने इसपर कई प्रोफेसरों से बात की और उन्होंने बताया कि मैं गलत था। उन्होंने बताया कि दूसरे व्यक्ति में भी योग्यता है, चाहे वह आपकी पत्नी हो, बेटा हो या बेटी। आपके पास उस व्यक्ति को कंपनी का हिस्सा बनने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है।’ हालांकि, नारायणमूर्ति ने बताया कि वह उनदिनों के विचारधाराओं से प्रभावित थे।
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अक्षता दादा को समझती थीं पिता
(फोटो : अक्षता)
किताब में बताया गया कि कैसे नारायणमूर्ति इंफोसिस को आगे बढ़ाने के लिए अपना पूरा समय काम में ही समर्पित करते थे, जबकि इस दौरान उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने बच्चों रोहन और अक्षता मूर्ति की परवरिश की। अक्षता मूर्ति जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं, ने एक बार बताया था कि उन्होंने अपने दादा को असली पिता माना है। बेटी अक्षता ने नारायणमूर्ति को अपना बोनस पिता कहा था। वहीं नारायणमूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति ने भी एक बार अपने पिता से पूछा था कि वह अक्षता, रोहन और इंफोसिस में सबसे ज्यादा प्यार किसे करते हैं। इस पर नारायणमूर्ति ने रोहन और अक्षता का नाम लिया था।
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