पूर्व आईएएस टुटेजा व बेटे के खिलाफ ईडी का मामला रद्द

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अपराध से संपत्ति अर्जित नहीं की

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन का मामला सोमवार को रद्द करते हुए कहा कि अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यह उल्लेख करते हुए पिता-पुत्र के खिलाफ शिकायत रद्द कर दी कि उनपर मुख्य अपराध का कोई मामला नहीं है और ना ही धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कोई मामला बनता है।

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से न्यायालय में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने संकेत दिया कि जांच एजेंसी अपनी पड़ताल के दौरान अतिरिक्त सामग्री बरामद होने के मद्देनजर आरोपियों के खिलाफ एक नयी शिकायत दर्ज कर सकती है। पीठ ने कहा कि यह कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही, जिसके शुरू होने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने पांच अप्रैल को संकेत दिया था कि यह पिता-पुत्र के खिलाफ धन शोधन के मामले को रद्द कर सकती है। संघीय एजेंसी ने आरोप लगाया था कि राज्य में शराब बनाने वालों से रिश्वत ली गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा

पीठ ने कहा, चूंकि कोई अपराध नहीं हुआ है इसलिए पीएमएलए की धारा 2 (यू) के तहत परिभाषित अपराध से संपत्ति अर्जित नहीं हो सकती। यदि अपराध से कोई संपत्ति अर्जित नहीं की गई है, तो पीएमएलए के तहत अपराध का मामला नहीं बनता है।

ईडी ने कहा था- टुटेजा ही सरगना

विशेष पीएमएलए अदालत में दाखिल अभियोजन के आरोपपत्र में ईडी ने कहा था कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ में अवैध शराब आपूर्ति में संलिप्त गिरोह के सरगना हैं। धन शोधन का यह मामला, दिल्ली की एक अदालत में आयकर विभाग द्वारा दाखिल एक आरोपपत्र से उपजा था।

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