वायुसेना ने पहली बार कारगिल में रात में कराई सुपर हरक्यूलिस की लैंडिंग

दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान

2008 में भारत ने खरीदा, 2011 में वायुसेना में शामिल

14 मिनट में 28,000 फीट की ऊंचाई पर जाने में सक्षम

70,000 किलो से ज्यादा का वजन ले जाने की क्षमता

22,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान

60 से ज्यादा देश करते हैं इनका इस्तेमाल

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने कारनामा करते हुए बड़ी सफलता को अपने नाम किया है। भीषण ठंड और रात के घने अंधेरे में वायुसेना ने सी-130जे सुपर हरक्यूलस विमान को कारगिल की हवाई पट्टी पर उतारने में सफलता हासिल की है। इस दौरान वायुसेना के कमांडो को भी विमान में बैठाकर कारगिल भेजा गया। वायुसेना ने इस सफल कारनामे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वायुसेना ने एक ट्वीट में कहा, पहली बार वायुसेना के सी-130जे विमान ने कारगिल हवाई पट्टी पर रात के समय लैंडिंग की है। इस अभ्यास के दौरान टरेन मास्किंग को अंजाम देते हुए गरुड़ कमांडो को भी तैनात किया गया है। बता दें कि टरेन मास्किंग एक ऐसी सैन्य रणनीति है, जिसमें दुश्मन की रडार से बचने के लिए पहाड़ों और जंगलों जैसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।

अब रात में भी चीन-पाक से हो सकेगी सुरक्षा

दरअसल, कारगिल चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। सर्दियों में होने वाली बर्फबारी से यहां का मौसम बेहद खराब हो जाता है। ऐसे में रात के समय यहां पर लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इसके अलावा चीन के लिहाज से भी लद्दाख में स्थित यह इलाका बेहद संवेदनशील है। यहां वायुसेना के साथ भारतीय थलसेना भी बेहद सक्रिय रहती है। इस हिसाब से ये सफलता रणनीतिक रूप से भी अहम मानी जा रही है।

ताकतवर व दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक

अमेरिका निर्मित सी-130जे दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान है। 2008 में भारत ने इन्हें खरीदा था और 2011 में औपचारिक तौर पर ये वायुसेना में शामिल हुए। ये विमान केवल 14 मिनट में 28,000 फीट की ऊंचाई पर जा सकता है। अपने साथ 70,000 किलोग्राम से ज्यादा का वजन लेकर ये 22,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। दुनियाभर के 60 से ज्यादा देश इनका इस्तेमाल करते हैं।

कश्मीर बाढ़, नोटबंदी के समय आया था काम

बता दें कि सी-130जे विमानों को हर तरह की हवाईपट्टी पर लैंडिंग के लिए जाना जाता है। ये विमान 2014 में कश्मीर बाढ़ और 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी लाने-ले जाने समेत कई अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। 2013 में वायुसेना ने उत्तरी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में दुनिया के सबसे ऊंचे लैंडिंग ग्राउंड में सी-130जे को लैंड कराया था। 2017 में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भी इस विमान की लैंडिंग हुई है।

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