दुनिया में पहली बार बिना बेहोश किए ब्रेन की सर्जरी

-एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने एक बार फिर बड़ा कारनामा

(फोटो : एम्स)

नई दिल्ली। एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने एक बार फिर बड़ा कारनामा कर दिखाया है। यहां के डॉक्टरों ने पांच साल की एक बच्ची के ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी उसे होश में रखते हुए की है। एम्स का दावा है कि यह अक्षिता नाम की यह लड़की इस तरह से ब्रेन ट्यूमर के सफल ऑपरेशन से गुजरने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की मरीज है। बच्ची अब पूरी तरह से ठीक है और सोमवार (8 जनवरी) को उसे घर भेज दिया जाएगा। एम्स का कहना है कि लेफ्ट पेरिसिल्वियन इंट्राएक्सियल ब्रेन ट्यूमर के लिए ‘अवेक क्रैनियोटॉमी’ (चेतन बेहोश करने की तकनीक) सर्जरी को डॉक्टरों ने 4 जनवरी को अंजाम दिया था। सर्जरी तीन घंटे तक चली, जिसमें न्यूरोएनेस्थेटिस्ट की ओर से बच्ची को लोकल एनेस्थीसिया देने में लगा समय भी शामिल है। ऑपरेशन करने वाली टीम की अगुवाई डॉ. मिहिर पांडिया और डॉ. ज्ञानेंद्र पाल सिंह ने की।

बच्ची ने किया पूरा सहयोग

डॉक्टरों का कहना है कि इस ऑपरेशन प्रक्रिया के दौरान बच्ची ने बहुत सहयोग किया। बच्ची पूरी सर्जरी के दौरान मुस्कुराती रही. डॉक्टर की टीम उससे बात भी करती रही। वह लेटे-लेटे कई तरह की एक्टिविटी में भी बिजी रही।बच्ची पहली कक्षा की छात्रा है।

इस तरह की गई सर्जरी

न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता का कहना है कि, “ब्रेन ट्यूमर के लिए अवेक सर्जरी आमतौर पर ज्यादा से ज्यादा ट्यूमर को हटाने और न्यूरोलॉजिकल नुकसान को कम करने के लिए की जाती है। अवेक क्रैनियोटॉमी के दौरान मरीजों को न्यूनतम स्तर का दर्द महसूस होता है। इसमें मरीज न्यूरोलॉजिकल परीक्षणों में पूरी तरह से सहयोग करने में सक्षम होता है। इस विधि को अवेक क्रैनियोटॉमी कहा जाता है। इस तरीके में सामान्य एनेस्थीसिया के तहत अन्य ऑपरेशनों की तुलना में सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीमों के बीच अधिक सहयोग की जरूरत होती है। ” 000

0000

प्रातिक्रिया दे