पहचान या शादी छिपाकर महिला से बनाए संबंध तो जाना पड़ेगा 10 साल को जेल

ऐसे संबंध को रेप नहीं माना बल्कि छल माना जाएगा, असम में दूसरी शादी के लिए परमिशन जरूरी

नई दिल्ली। पहले से शादीशुदा होने की जानकारी या फिर अपनी असली पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी रचाना या संबंध बनाना भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध होगा। भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 69 के मुताबिक ऐसा करना छल माना जाएगा और ऐसे मामलों में 10 साल तक की सजा मिल सकती है। वहीं असम में पहली पत्नी के जिंदा रहते दूसरी शादी के लिए सरकार की परमिशन लेना जरूरी होगा। सरकारी कर्मियों के लिए इसे अनिवार्य बनाया गया है।

बता दें कानूनी मामलों के संसदीय पैनल ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की गई है और इसे लेकर एक विधेयक आ सकता है। इसके मुताबिक यदि कोई शख्स शादी करने के लिए पहचान छिपाता है या फिर संबंध बनाने के लिए ऐसा करता है तो उसे रेप नहीं माना जाएगा, लेकिन छल माना जाएगा। ऐसे मामलों में 10 साल तक की कैद की सजा का नियम बनाने की तैयारी है।

किसी भी प्रकार का प्रलोभन छल माना जाएगा

इस सेक्शन में साफ किया गया है कि रोजगार देने, प्रमोशन या फिर शादी का वादा करते हुए पहचान छिपाकर शादी करना छल माना जाएगा। दरअसल बीते कुछ सालों में ऐसे ढेरों मामले सामने आए हैं, जब लोगों ने अपने शादीशुदा होने की बात को छिपाकर किसी महिला से ब्याह रचा लिया। इसके बाद उत्पीड़न की घटनाओं को अंजाम दिया गया।

मजहब छिपाकर शादी करना भी अपराध

इसके अलावा मजहब छिपाकर शादी करने के भी मामले सामने आते रहे हैं। ऐसा पहली बार होगा, जब पहचान छिपाकर शादी करने को अपराध मानते हुए अलग से केस चलाया जाएगा। बता दें कि ऐसे मामलों को एक वर्ग लव जिहाद भी कहता रहा है, जिसमें अंतर्धार्मिक विवाह पहचान छिपाकर किए जाने के मामले सामने आते हैं। इसके अलावा रिलेशनशिप बनाने के लिए भी कई बार पहचान छिपाने की घटनाएं सामने आई हैं।

असम में दूसरी शादी को लेकर बना नया कानून

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को दूसरी शादी करने से पहले इसकी पूर्व अनुमति लेनी होगी, भले ही उनका धर्म इसकी इजाजत क्यों न देता हो। असम सरकार ने एक हालिया आदेश में अपने कर्मचारियों को उनके जीवनसाथी के जीवित रहने की स्थिति में दूसरी शादी करने से प्रतिबंधित किया है और ऐसा करने में संलिप्त पाये जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी।

धर्म देते हों अनुमति तो भी सरकारी परमिशन जरूरी : सरमा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता है लेकिन एक सरकारी कर्मचारी को दूसरी शादी करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। उन्होंने कहा यदि कुछ धर्म आपको दूसरी शादी करने की अनुमति देते हैं, तब भी नियमानुसार आपको राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। अब, राज्य सरकार आपको अनुमति दे सकती है, नहीं भी दे सकती है।

पेंशन मामलों में हुई काफी कठिनाई

सीएम सरमा ने कहा, ‘‘हमें उन विवादों का हल करने में बहुत कठिनाई हुई है। कई विधवाएं परस्पर विरोधी दावों के कारण पेंशन से वंचित हो गई हैं। यह नियम पहले से था, हमने इसे लागू नहीं किया था। अब, हमने इसे लागू करने का निर्णय किया है। कार्यालय ज्ञापन में अधिकारियों से यह भी कहा है कि इस तरह के मामले सामने आने पर वे आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें।

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