–एक्शन में केंद्रीय एजेंसी, गहलोत बोले-टिड्डी दल की तरह ईडी का इस्तेमाल
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खास बातें
00 कथित परीक्षा पत्र लीक मामले की धनशोधन जांच
00 विदेशी मुद्रा उल्लंघन वैभव गहलोत को बुलाया
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इंट्रो
ईडी ने गुरुवार को राजस्थान में बड़ी कार्रवाई की है। एक ओर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पेश होने का समन जारी किया है तो वहीं कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी की है। ईडी की कार्रवाई पर सियासत गरमा गई है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा ईडी का इस्तेमाल टिड्डी दल की तरह किया जा रहा है, जो अंतत: उसकी ही फसल चट होने का कारण बनेगा।
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जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने चुनावी प्रदेश राजस्थान में कथित परीक्षा पत्र लीक मामले की धन शोधन जांच के सिलसिले में गुरुवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर छापे मारे तथा विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री डोटासरा (59) के परिसरों के अलावा दौसा में महवा सीट से पार्टी के उम्मीदवार ओमप्रकाश हुड़ला तथा कुछ अन्य के परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है। धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत यह तलाशी ली जा रही है। ईडी के दलों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक सशस्त्र दल भी है। कांग्रेस ने राजस्थान में अपने नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर केंद्र की आलोचना की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चुनाव लड़ने में जांच एजेंसियों की मदद लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा जवाब देंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने ईडी की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि देश में आतंक फैलाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ईडी के छापों के जरिए उन्हें निशाना बना रही है क्योंकि वे उनकी सरकार को सत्ता से नहीं हटा सकते। राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा। नतीजों की घोषणा तीन नवंबर को की जाएगी। डोटासरा सीकर में लछमनगढ़ सीट से भाजपा के उम्मीदवार सुभाष महरिया के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वह इस सीट से मौजूदा विधायक भी हैं जबकि हुड़ला निर्दलीय विधायक हैं तथा कांग्रेस ने इस बार उन्हें महवा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। धन शोधन का यह मामला आरोपियों के खिलाफ राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकियों पर आधारित है।
मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बेटे को समन का संबंध राजस्थान स्थित आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े समूह ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके निदेशकों एवं प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाल में मारे गए छापों से है। एजेंसी ने अगस्त में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। इस छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 1.2 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी जो आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी।
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ईडी का आरोप, प्रश्नपत्र किया लीक
ईडी ने कहा था कि आरोपियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड 2 प्रतिस्पर्धी परीक्षा 2022 के सामान्य ज्ञान के प्रश्न पत्र को लीक किया, जो परीक्षा आरपीएससी द्वारा 21 दिसंबर 2022, 22 दिसंबर 2022 और 24 दिसंबर 2022 को होनी थी। आरोपियों ने यह प्रश्न पत्र परीक्षा दे रहे उम्मीदवारों को उपलब्ध कराया तथा प्रति उम्मीदवार आठ से 10 लाख रुपए लिए थे। प्रश्न पत्र लीक मामले में ईडी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा तथा भूपेंद्र सरन नामक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
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सीएम के बेटे पर फेमा उल्लंघन का आरोप
जांच एजेंसी ने विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को तलब भी किया है। मामला ईडी की जांच के दायरे में तब आया जब जयपुर के दो निवासियों ने 2015 में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि वैभव गहलोत ने मॉरीशस स्थित ‘शिवनार होल्डिंग्स’ नाम की कंपनी से अवैध धन को ठिकाने लगाया था। इस कंपनी पर एक शेल कंपनी होने का संदेह है। शिकायत के अनुसार, 2011 में होटल के 2,500 शेयर खरीदकर मॉरीशस स्थित फर्म से ट्राइटन होटल्स को फंड डायवर्ट किया गया था। शेयर 39,900 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे गए थे, जबकि मूल शेयर की कीमत प्रत्येक शेयर के लिए केवल 100 रुपए थी।
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छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में ईडी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के बाद ईडी अब राजस्थान में भी चुनाव प्रचार में उतर गई है और उसने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियां चुनाव आते ही भाजपा का ‘पन्ना प्रमुख’ (पार्टी कार्यकर्ता) बन जाती हैं। खड़गे ने कहा, राजस्थान में अपनी हार निश्चित देखकर भाजपा ने अपना आखिरी दांव चला है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।
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जहां भी चुनाव होते हैं, वहां ईडी छापे
इधर, एक संवाददाता सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने दावा किया कि जहां भी चुनाव होते हैं वहां ईडी छापे मारती है। चाहे छत्तीसगढ़ हो, कर्नाटक या हिमाचल प्रदेश हो, ईडी चुनाव से कुछ वक्त पहले ही छापे मारती है। ‘छापे मारे गए लेकिन कांग्रेस चुनाव जीती। स्थिति चिंताजनक है। वे देश में आतंक मचा रही हैं।’आंकड़ों का हवाला देते हुए गहलोत ने कहा कि ईडी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 साल के कार्यकाल में 112 छापे मारे और 104 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए। लेकिन 2014 के बाद 3,010 छापे मारे गए और 881 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए।
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