साइबर फ्रॉड, 11 राज्यों के 76 ठिकानों पर सीबीआई का छापा

–देशभर में अभियान ऑपरेशन चक्र-2 में ताबड़तोड़ कार्रवाई

–सीबीआई ने पांच केस दर्ज करने के बाद छापेमारी की

इंट्रो

साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए सीबीआई ने बुधवार को देशव्यापी अभियान ‘ऑपरेशन चक्र-2’ चलाया। इस दौरान मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और वेस्ट बंगाल के करीब 76 जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान साइबर क्राइम में संलिप्त अपराधियों की धरपकड़ की गई।

नई दिल्ली। सीबीआई ने साइबर अपराध के जरिये वित्तीय धोखाधड़ी के पांच अलग-अलग मामले दर्ज करने के बाद ‘ऑपरेशन चक्र-2′ के तहत देशभर में 76 ठिकानों पर छापे मारे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से एक मामला क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के जरिए भारतीय नागरिकों के 100 करोड़ रुपये गबन करने के रैकेट से संबंधित है। उन्होंने बताया कि यह मामला वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की ओर से उपलब्ध कराई गयी जानकारियों के आधार पर दर्ज किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, अमेज़ॅन और माइक्रोसॉफ्ट की इस शिकायत पर दो मामले दर्ज किए गए थे कि आरोपी कॉल सेंटर चलाते थे और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए कंपनियों के तकनीकी सहयोगी के रूप में पेश होते थे। अधिकारियों ने बताया कि अभियान के तहत सीबीआई ने नौ कॉल सेंटर की तलाशी ली। एजेंसी ने (छापेमारी) अभियान जारी रहने के कारण दो अन्य मामलों का ब्योरा साझा नहीं किया है।

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने एफआईयू, एफबीआई, इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ओर से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गई है।


कई बैंक खाते फ्रीज

सीबीआई के मुताबिक तलाशी के दौरान 32 मोबाइल फोन, 48 लैपटॉप, दो सर्वर की तस्वीरें, 33 सिम कार्ड और पेन ड्राइव जब्त किए हैं। इस दौरान सीबीआई ने कई बैंक खातों को भी फ्रीज किया है। ऑपरेशन चक्र- 2 के दौरान एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन अपराधियों को खत्म करने की व्यापक कार्रवाई की जा रही है। इसको लेकर इंटरनेशनल एजेंसियों के सा​थ सभी जानकारियों को साझा किया जा रहा है।

15 ईमेल खातों को डंप डिटेल भी जब्त

सीबीआई ने 15 ईमेल खातों की डिटेल को भी जब्त किया है। इसमें आरोपियों की उस साजिश का भी पता चला है जिससे वो लोगों को ठगने का काम करते हैं।


5 राज्यों में ठगी के 9 कॉल सेंटर

ऑपरेशन चक्र-2 के तहत लक्षित मामलों में, इंटरनेशनल टेक स्पोर्ट फ्रॉड स्कैम के दो मामले भी सामने आए हैं। आरोपी 5 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 9 कॉल सेंटरों का संचालन कर रहे थे। टेक्निकल स्पोर्ट प्रतिनिधियों के रूप में खुद को पेश करके आर्गेनाइज्ड तरीके से विदेशी नागरिकों को शिकार बनाते थे।

क्रिप्टो-करंसी धोखाधड़ी ऑपरेशन का भंड़ाफोड़

एफआईयू इंडिया की ओर से अहम जानकारी मिलने के बाद ऑपरेशन चक्र-2 ने क्रिप्टो-करंसी धोखाधड़ी ऑपरेशन का भंड़ाफोड़ किया है। इस फर्जी क्रिप्टो माइनिंग ऑपरेशन में भोले भाले भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया जाता है जिसके चलते करीब 100 करोड़ रुपए को बेहद ही चौंकाने वाला नुकसान लोगों को हुआ। इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के ​खिलाफ सीबीआई सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी।


इन देशों की एजेंसियों को जानकारी देगी सीबीआई

सीबीआई अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग की भावना के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें अमेरिका का संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), इंटरपोल के साइबर अपराध निदेशालय और आईएफसीएसीसी, यूनाइटेड किंगडम की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए), सिंगापुर पुलिस फोर्स और जर्मनी की बीकेए प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन सभी को इस तरह के फ्रॉड मामले में आगे की अहम जानकारियां आदि साझा की जाएंगी।

इधर, झांसे में फंसे 1000 पुलिसकर्मी

हिमाचल के मंडी जिले में जालसाजों द्वारा बनाई गई फर्जी स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी के झांसे में एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी आ गए। एसआईटी के जांचकर्ताओं के अनुसार, फर्जी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले अधिकांश पुलिस कर्मियों को करोड़ों रुपए का चूना लगा, लेकिन उनमें से कुछ ने भारी लाभ भी कमाया, योजना के प्रवर्तक बन गए और इसके साथ अन्य निवेशकों को जोड़ा। पुलिस के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में जालसाजों ने कम से कम एक लाख लोगों को धोखा दिया है और 2.5 लाख आईडी (पहचानपत्र) पाए गए हैं, जिनमें एक ही व्यक्ति की कई आईडी शामिल हैं। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, घोटालेबाजों ने दो क्रिप्टोकरेंसी – ‘कोरवियो कॉइन’ (या केआरओ) और ‘डीजीटी कॉइन’ पेश किये थे और इन डिजिटल मुद्राओं की कीमतों में हेरफेर के साथ फर्जी वेबसाइट बनाईं। इन लोगों ने शुरुआती निवेशकों को कम समय में उच्च रिटर्न का वादा करके लुभाया। उन्होंने निवेशकों का एक नेटवर्क भी बनाया, जिन्होंने अपने-अपने दायरे में श्रृंखला का और विस्तार किया। जल्दी रिटर्न के चक्कर में पुलिसकर्मी, शिक्षक व अन्य लोग योजना में शामिल हो गए। यह घोटाला 2018 में शुरू हुआ था, जिसमें अधिकांश पीड़ित मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों से थे। कुछ मामलों में, एक अकेले व्यक्ति ने 1,000 लोगों को इसके साथ जोड़ा था।

000

प्रातिक्रिया दे