इस्राइल के हर घर में होता है बंकर, सेना ही तय करती है इन सेफ हाउस का डिजाइन

  • सेफ हाउस खोजने के लिए मिलता है केवल 60 सेकंड का समय

(फोटो : बंकर1, 2)

इंट्रो

इजराइल में हमास के द्वारा युद्ध शुरू करने के बाद हर तरफ अफरातफरी मची हुई है। हमास के आतंकवादी इजराइल में घुसकर कत्लेआम मचा रहे हैं। दोनों ओर से रॉकेट की बारिश जारी है। वहीं आम लोग इस हमले से बचने के लिए अपने घरों और सार्वजानों पर बने बंकरों का उपयोग कर रहे हैं। इस्राइल समूची दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसके हर घर में बंकर बने हुए हैं। यही नहीं स्कूल, स्टेडियम, अस्पताल, मॉल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, दुकान, दफ्तर समेत पब्लिक प्लेस पर भी सुरक्षा के नजरिए से बंकर और टनल बनाए गए हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में…

नई दिल्ली। इस्राइल ने अपने देश में बनाए जाने वाले घरों के लिए ऐसा कानून तैयार किया कि हर घर में एक बंकर होना जरूरी है। यह बंकर कर हमेशा दुश्मनों के हमले से इस्राइल को लोगों को बचाते आए। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है जिस तरीके से हमास ने रॉकेट दागकर इस्राइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है, उसमें अगर सायरन बजाने के साथ लोग पहले से बने अपने घरों के बंकरों में न छिपते, तो जितनी मौतें इस्राइल में हुई हैं, उससे कई गुना ज्यादा बड़ा संहार हो चुका होता। लेफ्टिनेंट कर्नल आरएन सूद बताते हैं कि इस्राइल के गजा पट्टी से लगाते हुए बॉर्डर इलाके में हर इलाके के घर को बगैर बंकर के निर्माण की अनुमति ही नहीं है। यही वजह है कि सिर्फ बॉर्डर इलाके में तो हर घर में बंकर और कई घरों में तो लंबी-लंबी टनल भी इस्राइल सरकार की ओर से बनाई गई हैं।

सेना की देखरेख में होते तैयार

पूर्व राजनयिक अरुण मेहता कहते हैं कि इस्राइल की भौगोलिक परिस्थितियों में यह टनल और बंकर लोगों की जिंदगियां बचाते आए हैं। वह बताते हैं कि इस्राइल के ऑफिस, होटल, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज समेत पब्लिक प्लेस और घरों में तैयार किए जाने वाले बंकर सेना की देखरेख में तैयार किए जाते हैं। सेना की ओर से तैयार किए जाने वाले बंकर की एक तय डिजाइन होती है।

ये होती खासियत

इन बंकरों में कई दिनों तक रहने और गुजरबसर करने के पूरे बंदोबस्त और व्यवस्थाएं होती हैं। इसमें केमिकल वॉर से लेकर इस वक्त हमास की ओर से किए जाने वाले जैसे हमले से बचाव के भी उपकरण और सामान मौजूद होते हैं। यह बंकर सिर्फ ऐसे नहीं होते हैं कि अत्यंत गंभीर स्थिति में फंसे हुए लोग इसी में रहने को मजबूर हो जाएं। बाकायदा इनमें खुफिया निकास भी होता है, जो कि टनल के माध्यम से दूसरे सेफ हाउस में पहुंचने का रास्ता बनाता है।

हिब्रू में कहा जाता ‘ममाद’

इस्राइल में इन बंकरों को हिब्रू में ‘ममाद’ कहा जाता है, जिन्हें बनाने में कई तरह के मैटेरियल और अलग-अलग की शील्ड का इस्तेमाल होता है। जो न सिर्फ बुलेट प्रूफ होती है, बल्कि किसी भी बड़े हमले को रोकने में सक्षम भी होती हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इस्राइल के घरों में यह बंकर बनाने की परंपरा 40 से 50 साल पुरानी है। हालांकि शुरुआती दौर में बंकर की गहराई बहुत ज्यादा नहीं होती थी।

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1992 से आया नियम

साल 1992 में इजराइल रक्षा बलों के होम फ्रंट कमांड द्वारा नए नागरिक सुरक्षा नियमों की स्थापना के बाद एक कानून पेश किया गया था. इसके बाद इजरायलों के घरों के अंदर आश्रय के लिए एक विशेष रूप से निर्मित सुरक्षित कमरा होना अनिवार्य हो गया। कॉम्बैट एंटीसेमिटिज्म मूवमेंट के सीईओ और तेल अवीव के निवासी रॉयटमैन ड्राटवा कहते हैं इजरायलियों को सेफ हाउस खोजने के लिए केवल 60 सेकंड का समय मिलता है।

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