–कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जाति जनगणना का फैसला
नई दिल्ली। कांग्रेस ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को सामाजिक न्याय की चुनावी राह पर मजबूती के साथ चलने का फैसला किया। उसने देश में जाति जनगणना कराने तथा अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की अधितम 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की पैरवी की भी की। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद वह केंद्र की सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराई जाएगी, ओबीसी महिलाओं की भागीदारी के साथ महिला आरक्षण को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। ओबीसी, एससी एवं एसटी के लिए आरक्षण की अधिकतम सीमा को कानून के माध्यम से खत्म किया जाएगा। कांग्रेस मुख्यालय में करीब चार घंटे तक चली कार्य समिति की बैठक में जाति जनगणना और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि पार्टी की कार्य समिति ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है क्योंकि यह हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जरूरी है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी मीडिया के सामने आए और जाति जनगणना की बात करते हुए केंद्र पर निशाना साधा। राहुल गांधी का फोकस ओबीसी पर था। उन्होंने कहा कि हमारे 4 मुख्यमंत्री हैं और उसमें 3 ओबीसी हैं।
राहुल गांधी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के ज्यादातर घटक दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, कार्य समिति ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना के विचार का समर्थन करने का फैसला हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस जाति जनगणना के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पुरजोर दबाव बनाएगी। उन्होंने कहा, हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। जातिगत जनगणना के बाद विकास का एक नया रास्ता खुलेगा। कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही छोड़ेगी। याद रखिए, जब हम वादा करते हैं, तो उसे तोड़ते नहीं हैं। राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया, देश में जातिगत जनगणना होगी और हिंदुस्तान के गरीबों को उनकी हिस्सेदारी मिलेगी। ये काम कांग्रेस पार्टी करके दिखाएगी। कांग्रेस नेता ने कहा, यह राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि न्याय का निर्णय है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जाति आधारित जनगणना कराने में ‘अक्षम’ हैं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।
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पीएम पर साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी वर्ग के लिए काम नहीं करते, बल्कि उनका ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं। उनका कहना था, कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों में से तीन मुख्यमंत्री ओबीसी हैं। भाजपा के 10 मुख्यमंत्रियों में से एक मुख्यमंत्री (शिवराज चौहान) ओबीसी हैं और वो भी कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे।
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सोनिया बोलीं- जातिगत जनगणना सर्वोच्च प्राथमिकता
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी की कार्य समिति की बैठक में कहा कि वह जातिगत जनगणना के विचार का पूरी तरह समर्थन करती हैं और यह उनकी पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी करीब चार घंटे तक चली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में लगभग ढाई घंटे तक उपस्थिति रहीं और इस दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना के विचार का पुरजोर समर्थन किया।
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पांच राज्यों में चुनावों पर भी चर्चा
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में जाति आधारित जनगणना और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है और मध्य प्रदेश में भाजपा, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने की उसे उम्मीद है।
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