कांग्रेस पूरे तेवर के साथ करेगी लागू
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने अब तय कर लिया कि देश भर में जातिगत जनगणना को बड़ा राजनीतिक औजार बनाना है। जिस राज्य में उनकी सरकार होगी वहां जातिगत जनगणना करायी जाएगी। बिहार में जदयू नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के जातिगत जनगणना की सराहना करते हुए पार्टी के सर्वोच्च नीति निर्धारक समिति, सीडब्लूसी में बकायदा प्रस्ताव पारित कर उसे अब देश भर में अपनाने पर जोर दिया। सीडब्लूसी की बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के नेतृत्व में सोमवार को आहूत की गई थी जिसमें मूल विषय जातिगत जनणना रही। बकौल राहुल गांधी बैठक में चार घंटे तक इस पर चर्चा चली। ये तय किया गया कि कांग्रेस पार्टी जातिगत जनगणना को प्रभावी ढंग से लागू करेगी। सीडब्लूसी की बैठक के बाद राहुल गांधी छत्तीसगढ, राजस्थान, कर्नाटक और हिमाचल के सीएम के साथ पत्रकारों से मुखातिब हुए। एक प्रश्न के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि देखिए कांग्रेस प्रेसीडेंट ने हमारी जो सबसे बड़ी डिसीजन मेकिंग बॉडी है उसमें निर्णय लिया है कि हम कास्ट सेंसस को इम्प्लीमेंट करेंगे। सिर्फ ये नहीं, मगर ये भी एक डिसीजन लिया है कि हम बीजेपी पर दबाव डालेंगे और उनसे करवाएंगे, अगर उन्होंने नहीं किया तो फिर उन्हें परे हो जाना चाहिए, क्योंकि देश कास्ट सेंसस चाहता है। अब जहां तक इंडिया अलायंस की बात है, मैं जानता हूं कि काफी पार्टियां इंडिया अलायसं में इस निर्णय का समर्थन करेंगी, एक-दो पार्टी हो सकती हैं जिनकी राय थोड़ी अलग हो, हमारे लिए कोई प्राब्लम नहीं है, क्योंकि हम कोई फासिस्ट सिस्टम नहीं हैं, मगर ज्यादा से ज्यादा पार्टियां इस डिसीजन को पूरे तरीके से सपोर्ट करेंगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, हिन्दुस्तान के भविष्य के लिए कास्ट सेंसस जरूरी है, एक कास्ट सेंसस के बाद एक नया डेवलपमेंट का पैराडाइम खुलेगा और हमने निर्णय ले लिया है कि हम ये काम करेंगे। तो ये मैं आपको आज बता रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही छोड़ेगी और याद रखिए, जब हम वायदा करते हैं, हम उस वायदे को तोड़ते नहीं है।
एक अन्य प्रश्न पर कि क्या धर्म की राजनीतिक काट के रूप में अब जातिगत जनणना को देखा जा रहा है, राहुल गांधी ने कहाकि देखिए ये जाति और धर्म की बात नहीं है, ये गरीबी की बात है। हिन्दुस्तान के ओबीसी, हिन्दुस्तान के दलित, हिन्दुस्तान के आदिवासी और हिन्दुस्तान के गरीब लोग, इनके लिए ये काम किया जा रहा है। कास्ट सेंसस साफ दिखा देगा कि हिन्दुस्तान में लोग कितने हैं, कौन हैं और हम वहां नहीं रुकेंगे, उसके बाद इकोनॉमिक सर्वे होगा, तो हमे ये भी पता लग जाएगा कि कितने लोग हैं, धन किसके हाथ में है, धन कहां है, एस्सेट्स किसके हाथ में है और फिर जैसे मैंने कहा जो एक्स-रे हमें… और मैं कहता हूं शायद इसमें मेरी भी गलती है… जो हमने पहले नहीं किया, उसको अब हम पूरा करके दिखा देंगे। क्योंकि इस एक्स-रे की जरूरत है, अगर हम नया डेवलपमेंट का पैराडाइम चाहते हैं, जहां सबको न्याय मिले उसके लिए हमें कास्ट सेंसस करना ही होगा।
हमारे 4 में 3 सीएम ओबीसी
भाजपा पर प्रहार करते हुए राहुल गांधी ने कहा, हमारे 4 मुख्यमंत्री हैं, 4 में से 3 ओबीसी वर्ग के हैं। भाजपा के 10 मुख्यमंत्री हैं, 1 ओबीसी वर्ग के हैं और वो भी कुछ ही दिन में मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। तो बात बहुत होती है ओबीसीज़ की, मगर नरेन्द्र मोदी जी को ये बताना है कि ओबीसीज़ के लिए आपने किया क्या? मैंने पार्लियामेंट में उदाहरण दिया कि 90 अफसरों में से 3 अफसर ओबीसी वर्ग के हैं। नरेन्द्र मोदी जी ने उसके बारे में कुछ नहीं बोला।
ये न्याय का फैसला
एक अन्य प्रश्न पर कि जिस तरह से प्रधानमंत्री कह रहे हैं, कि कांग्रेस के लिए ये बहुत ज्यादा नुकसानदेह होगा पॉलिटिक्ली, आपको लगता है कि ये नुकसान वाला सौदा है? श्री राहुल गांधी ने कहा कि ये हमारा पॉलिटिक्ली डिसीजन नहीं है, ये न्याय का फैसला है। ये हिस्सेदारी का फैसला है।
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