मंत्री और विधायक के 12 ठिकानों पर सीबीआई छापे

—बंगाल में ममता बनर्जी के करीबियों पर शिकंजा

कोलकाता/नई दिल्ली। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में नगर निकायों द्वारा की गई भर्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़ी जांच के सिलसिले में रविवार सुबह मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा के आवास सहित 12 स्थानों पर तलाशी ली। शहरी विकास और नगर निकाय मामलों के मंत्री हकीम कोलकाता के महापौर भी हैं। वह तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी संगठन में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारियों की एक टीम केंद्रीय बलों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ दक्षिण कोलकाता के चेतला इलाके में हकीम के आवास पर पहुंची। सीबीआई के दो अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं। तलाशी शुरू होते ही, हकीम के समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हो गए और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। सीबीआई के एक दल ने पूर्व मंत्री और उत्तर 24 परगना जिले के कामरहाटी से विधायक मित्रा के उत्तर 24 परगना जिले के भवानीपुर इलाके में स्थित आवास पर भी तलाशी ली। मित्रा का आवास चेतला में हकीम के आवास से करीब तीन किलोमीटर दूर है। अधिकारी ने दावा किया, जांच में खुलासा हुआ कि कामरहाटी नगर पालिका में हुई भर्तियों में मित्रा ने अहम भूमिका निभाई थी। अधिकारियों ने बताया कि जिन अन्य जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की है, उनमें कांचरापाड़ा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुदामा रॉय, हलिसहर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अंग्शुमन रॉय और कृष्णानगर नगर पालिका के पूर्व प्रमुख अशिम घोष के आवास शामिल हैं। एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया, सीबीआई ने एक मामले की जारी जांच के सिलसिले में रविवार को कोलकाता, कांचरापाड़ा, बैरकपुर, हलिसहर, दमदम, उत्तरी दमदम, कृष्णानगर, ताकी, कामरहाटी, चेतला, भवानीपुर सहित करीब 12 जगहों पर तलाशी ली। यह कार्रवाई लोकसेवकों सहित कुछ लोगों के परिसरों पर की गई। अधिकारियों ने नयी दिल्ली में बताया कि अभियान के तहत हकीम और मित्रा के दो-दो परिसरों में तलाशी ली जा रही है। इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए टीएमसी ने कहा कि यह केन्द्रीय निधि की मांग को लेकर राजभवन के बाहर जारी पार्टी के प्रदर्शन से ध्यान हटाने का प्रयास है।

सांसद का वार, भाजपा का पलटवार

टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, यह अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में राजभवन के बाहर जारी विरोध प्रदर्शन से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास है। भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, अगर तृणमूल के पास कुछ भी छिपाने जैसा नहीं है, तो वह ईडी और सीबीआई से क्यों भयभीत है। भट्टाचार्य ने कहा, जब भी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को ईडी और सीबीआई तलब करती है वे एजेंसियों के राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाते हैं। फिर भी वास्तविकता यही है कि तृणमूल भ्रष्टाचार में लिप्त है और पार्टी का लगभग हर नेता किसी न किसी आरोप का सामना कर रहा है।

मंत्री के बेटी का समर्थकों संग प्रदर्शन

मंत्री फिरहाद हाकिम की बेटी प्रियदर्शनी हकीम को भी शुरू में घर में प्रवेश करने से रोका गया, लेकिन बाद में अनुमति दे दी गई। हकीम और तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय समर्थकों ने छापेमारी और तलाशी अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

दोनों पहले भी हो चुके गिरफ्तार

हकीम और मित्रा, दोनों को नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने 2021 में गिरफ्तार किया था। मित्रा को शारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई 2014 में भी गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले, ईडी ने मामले की जांच के सिलसिले में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के आवास सहित कई स्थानों की तलाशी ली थी। केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है कि 2014 से 2018 के बीच राज्य के विभिन्न नगर निकायों ने पैसों के एवज में लगभग 1,500 लोगों को अवैध रूप से नियुक्त किया था।

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