- हिंद महासागर में भारत को सीधा खतरा
बीजिंग। चीन ने रेलगन से लैस एक परमाणु शक्ति संचालित विमान वाहक पोत का अनावरण किया है। इस युद्धपोत को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया जाएगा। रेलगन से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर की अवधारणा सोवियत संघ के जमाने से चली आ रही है, जिसे अब चीन ने पुनर्जीवित किया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह यह वर्तमान में मौजूद युद्धपोतों की तुलना में अधिक शक्तिशाली हथियार हो सकता है। इस रेलगन से हिंद महासागर मंो भारत को सीधा खतरा हो सकता है। परमाणु शक्ति संपन्न एयरक्राफ्ट कैरियर पर लगे होने के कारण चीन इसे पूरी दुनिया में जहां चाहेगा वहां तैनात कर सकता है। इसी महीने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया था कि चीन के एक शीर्ष नौसैनिक वैज्ञानिक मा वेइमिंग ने एक भविष्य के युद्धपोत का प्रस्ताव दिया है जो नौसैनिक बेड़े को स्टार वार्स-स्टाइल के सुपर-शिप में बदल सकता है। मा ने पीर रिव्यूड जर्नल ट्रांज़ैक्शन्स चाइना इलेक्ट्रोटेक्निकल सोसाइटी में अपने डिजाइन का प्रस्ताव रखा था।
बेहद खतरनाक है चीन का यह कैरियर
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, चीन का यह सुपरशिप कई विमानों को लेकर जा सकता है। लेकिन, यह किसी पारंपरिक एयरक्राफ्ट कैरियर से अलग है, क्योंकि यह रेलगन, कॉइलगन, रॉकेट लॉन्चर, लेजर वेपन और हाई पावर पाले माइक्रोवेव जैसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसे हथियारों से लैस है। अखबार ने सोर्स के हवाले से लिखा कि चीन के इस जहाज की उन्नत तकनीक प्रभावी ढंग से जहाज के ऊर्जा स्रोत से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथिायारों को चलाने वाली शक्ति के लिए आवश्यक विद्युत चुंबकीय ऊर्जा में बदल देता है। इससे यह युद्धपोत हवाई हमलों के खिलाफ सटीक बचाव कर सकता है और एंटी सबमरीन वारफेयर में काम आ सकता है। इसके अलावा इसमें मिसाइलों को रोकने की क्षमता और समुद्र या जमीन पर लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमले की ताकत भी है।
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