सांसद नुसरत जहां पर कसा कानूनी शिकंजा

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद और एक्ट्रेस नुसरत जहां पर केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है। मंगलवार की सुबह नुसरत कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पहुंची, जहां संघीय एजेंसी के अधिकारी कथित रियल एस्टेट घोटाला मामले में उनसे पूछताछ कर रहे हैं। ईडी ने पिछले हफ्ते उन्हें रियल एस्टेट घोटाले के सिलसिले में 12 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। आरोप है कि बशीरहाट सांसद उस रियल एस्टेट कंपनी की निदेशकों में से एक रही हैं, जिसने एक कम से कम 429 लोगों, जिनमें ज्यादातर सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी थे, को कथित तौर पर धोखा दिया है। 429 लोगों में से हरेक ने फ्लैट खरीदने के लिए 5.5 लाख रुपये जमा किए थे लेकिन उन्हें कभी कोई फ्लैट नहीं मिला, न ही पैसे वापस मिले। टीएमसी सांसद जहां ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मार्च 2017 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कंपनी से 1.16 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे बाद में उन्होंने 1.47 करोड़ रुपये ब्याज के साथ वापस कर दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर एजेंसी उन्हें बुलाती है तो वह जरूर सहयोग करेंगी। वह कुछ फाइलें और दस्तावेज लेकर सुबह करीब 10:40 बजे ईडी कार्यालय पहुंचीं। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि उनसे कुछ दस्तावेज लाने को कहा गया था।


नवाब मलिक को राहत, गैर जमानती वारंट खारिज

मुंबई। एनसीपी नेता नवाब मलिक को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल मानहानि मामले में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मंगलवार को नवाब मलिक के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट खारिज कर दिया है। यह गैर जमानती वारंट महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि के एक मामले में जारी किया गया था। जिसे भाजपा कार्यकर्ता मोहित भारतीय ने साल 2021 में नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज कराया था। मझगांव कोर्ट के एडिश्नल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसबी काले ने बीते हफ्ते नवाब मलिक के खिलाफ यह गैर जमानती वारंट जारी किया था। दरअसल मानहानि मामले की सुनवाई पर नवाब मलिक बीते महीने कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, जिस पर कोर्ट ने एनसीपी नेता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। अब मंगलवार को नवाब मलिक के कोर्ट में पेश होने पर उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को खारिज कर दिया गया है।

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