–मथुरा-वृंदावन समेत देशभर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, मुंबई में दही हांडी उत्सव
–गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर से श्रद्धालुओं ने निकाली श्रीकृष्ण की झांकी
—
नई दिल्ली। देशभर में गुरुवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूरे उत्साह के साथ मनाई गई। मथुरा का कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, वृंदावन का बांके बिहारी और द्वारका का द्वारकाधीश मंदिरों में रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हुआ। रात घड़ी में जैसे ही रात के 12 बजे, ‘भए प्रकट कृपाला दीनदयाला…, ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की… की ध्वनि गूंजने लगी है। देशभर के मंदिरों में कान्हा ने जन्म ले लिया है। मथुरा जन्मभूमि मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन रात्रि 1:30 बजे तक खुले रहे। वृंदावन के प्राचीन मंदिरों में प्रात: से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम मची है। ठाकुरजी का मंत्रोच्चारों के मध्य महाभिषेक किया गया। अभिषेक के दौरान मंदिर जयकारों से गुजायमान हो गए। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में उमड़ी। कृष्ण जन्मभूमि में जन्माष्टमी को लेकर बुधवार से ही गजब की रौनक दिख रही है। मंदिरों को ऐसे सजाया संवारा गया है कि किसी का भी देखते ही रहने का मन करे। यहां जन्माष्टमी को लेकर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। खास बात ये है कि मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर में इस बार जन्माष्टमी की थीम चंद्रयान-3 है।गौरतलब है कि देश के कई शहरों में बुधवार को जन्माष्टमी मनाई गई। रात 12 बजे मंदिरों और घरों में लोगों ने भगवान कृष्ण की पूजा की। हालांकि देश के कई बड़े मंदिरों में गुरुवार को जन्माष्टमी मनाई गई।
देश-विदेश से आए भक्त
तीर्थनगरी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कन्हैया की जन्मस्थली ब्रज में विभिन्न संस्कृतियों का समागम हुआ। बुंदेलखंड, भोजपुरी, हरियाणवी और ब्रज संस्कृति का समागम देख मथुरावासी ही नहीं देश-विदेश से आए भक्त भी आनंदित हो उठे। यह नजारा 250 लोक कलाकारों की शोभायात्रा में देखने को मिला। ठा. राधारमण मंदिर के सेवायत पंकज गोस्वामी, अनिल गोस्वामी, ने भी अभिषेक किया। राधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया कि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर आचार्य गोपाल भट्ट गोस्वामी की प्रेरणा से अभिषेक पद्दति का शुभारंभ हुआ। वहीं परंपरा मंदिरों के गोस्वामी सैकड़ों वर्षों से संजोए हुए हैं।
—
भक्तों को बांटा चरणामृत
पुजारी प्रशांत शाह ने कहा कि चूंकि वृन्दावन में शाह जी मंदिर, राधा रमण मंदिर में अपनाई जाने वाली परंपराओं के अनुसार सभी त्योहार मनाता है इसलिए यहां भी जन्माष्टमी सुबह मनाई गई। पुजारी ने कहा कि भगवान कृष्ण के अभिषेक समारोह का चरणामृत (दूध, दही, घी, खांडसारी, शहद और कई जड़ी-बूटियों का मिश्रण) मंदिरों के सामने एकत्र हजारों भक्तों के बीच वितरित किया गया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दिन की शुरुआत शहनाई, शंख और ढोल बजाने के साथ हुई।
—
दही हांडी उत्सव
मुंबई में गुरुवार सुबह खुशी और उत्साह के साथ दही हांडी उत्सव शुरू हो गया जिसे मनाने के लिए हजारों प्रतिभागी और दर्शक एकत्र हुए। दही हांडी कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का हिस्सा है। इस दौरान ‘गोविंदा’ या दही हांडी प्रतिभागी हवा में लटकी ‘दही हांडी’ (दही से भरा मिट्टी के बर्तन) को तोड़ने के लिए बहु-स्तरीय मानव पिरामिड बनाते हैं। शहर की कई आवासीय सोसायटी, सड़कों और सार्वजनिक मैदानों पर फूलों से सजी दही हांडियों को कई फुट की उंचाई पर लटकाया गया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे गोविंदा ट्रक, टेंपो, बसों और दोपहिया वाहनों में इन स्थानों का भ्रमण कर रहे हैं। शहर के हर कोने में त्योहार से संबंधित लोकप्रिय गीत तथा बॉलीवुड के गाने चल रहे हैं। विशेष रूप से परेल, लालबाग, वर्ली, दादर, भांडुप, मुलुंड, गोरेगांव और अंधेरी जैसे मराठी बहुल इलाकों में उत्सव को लेकर ज्यादा रौनक देखी जा रही है।
000

