आईएस का फरार लीडर चेन्नई से अरेस्ट, भागने वाला था विदेश

  • एनआईए की बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस-त्रिशूर मॉड्यूल के फरार लीडर को बुधवार को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया। वह देश से बाहर भागने की फिराक में था। त्रिशूर स्थित आईएसआईएस मॉड्यूल के नेता सैयद नबील अहमद को एनआईए की भगोड़ा ट्रैकिंग टीम ने पकड़ा है। यह टीम उसे ट्रैक करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों से जमीनी स्तर पर काम कर रही थी। सैयद नबील अहमद बीते कई दिनों से कर्नाटक और तमिलनाडु के अलग-अलग इलाकों में छिपा हुआ था। उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भागने की योजना बनाई थी। सैयद नबील के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त हुए हैं। जुलाई के बाद से इस मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है। इस साल जुलाई में एनआईए ने तमिलनाडु के सत्यमंगलम से आशिफ उर्फ मथिलाकथ कोदायिल अशरफ को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने इस मामले में आईपीसी और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। त्रिशूर स्थित आईएस मॉड्यूल केरल में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। इसे जुड़े संदिग्धों को ओर से इसे लेकर रेकी की जा रही थी। राज्य में डकैती और दूसरी अवैध गतिविधियों के जरिए आईएसआईएस गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए धन जुटाया जा रहा था।

आईएसआईएस के मंसूबे नाकाम

मालूम हो कि आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी इस्लामी आतंकी गुट है। इसे इस्लामिक स्टेट (आईएस) और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवंत के साथ ही अरबी संक्षिप्त नाम दाएश के तौर पर भी जाना जाता है। इस संगठन ने दुनिया के कई हिस्सों में अपने मॉड्यूल स्थापित किए हैं। आईएसआईएस ने जिहादी दर्शन से प्रेरित युवाओं की भर्ती करके भारत में भी अपनी गतिविधियां बढ़ाने का प्रयास किया है। हालांकि, एनआईए ने बड़े पैमाने पर इन मॉड्यूलों पर कार्रवाई की है। इस प्रतिबंधित संगठन के आतंकी एजेंडे को विफल करने के लिए इसके कई सदस्यों और कैडरों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने अलकायदा और तहरीक-ए-तालिबान की भारत में युवाओं को कट्टरपंथी बना आतंकवाद फैलाने की साजिश को लेकर हाल ही में कुछ अहम जब्तियां की है। संघीय एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में छापेमारी के दौरान ये जब्तियां की गई हैं। महाराष्ट्र में तीन ठिकानों और तीन राज्यों में एक-एक जगह पर छापेमारी के दौरान बहुत सारे आपत्तिजनक डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं। एनआईए साजिश में शामिल लोगों का पता लगाने और दोनों आतंकी संगठनों के गैरकानूनी-कट्टरपंथी योजनाओं व अभियानों के माध्यम से देश को अस्थिर करने के उनके प्रयासों को विफल करने के लिए जांच कर रही है। यह छापेमारी इन प्रतिबंधित संगठनों द्वारा पूर्व में भर्ती किए गए 2 आरोपियों के खिलाफ अप्रैल में दर्ज किए गए मामले की जांच के हिस्से के रूप में की गईं।

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