सुभाष चंद्र बोस के पोते का भाजपा से मोहभंग, दिया इस्तीफा

कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार बीजेपी की नीतियों की आलोचना करते देखा जा रहा था। इस्तीफा देने के कुछ देर पहले ही उन्होंने इंडिया बनाम भारत के मुद्दे पर अपनी राय रखी. चंद्र बोस ने कहा कि इसकी (नाम बदलने की) जरूरत नहीं थी। सरकार को दूसरे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। नेताजी के पोते और भाजपा नेता चंद्र बोस ने इंडिया नाम बदलने पर भी सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि संविधान में अभी भारत के राष्ट्रपति जैसा कोई संवैधानिक पद अस्तित्व में नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के रूप में जी -20 के लिए निमंत्रण कैसे जारी कर सकती हैं? असल में यह कोई मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही कहते आए हैं कि इंडिया यानी भारत है। चंद्र बोस ने आगे कहा कि ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिन पर भारत सरकार को ध्यान केंद्रित करना चाहिए या केंद्रित कर सकती है। जैसे देश में सभी को 4 वक्त का भोजन और शिक्षा मिलनी चाहिए। हालांकि, इसके लिए हमें इंतजार करना पड़ सकता है। अगर ऐसा करना भी है तो इसके लिए एक रास्ता और एक प्रक्रिया होनी चाहिए। यहां तक कि 140 करोड़ लोगों का फीडबैक लिया जाना चाहिए। उन्होंने यहा भी कहा कि देश सिर्फ सरकार का नहीं है।

शाह ने दिलाई थी सदस्यता

बता दें कि सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस करीब 7 साल पहले 25 जनवरी 2016 को बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता की एक रैली में चंद्र बोस को पार्टी में शामिल करने की औपचारिकता पूरी की थीं। टाटा स्टील के लिए काम कर चुके चंद्र बोस कोलकाता में अपने परिवार के साथ रहते हैं। बता दें कि नेताजी के भाई शरत चंद्र बोस के दो बेटे शिशिर कुमार बोस और अमिय नाथ बोस हैं। शरत चंद्र बोस के ये दोनों बेटे नेताजी के करीबी माने जाते थे।

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