पहले हुआ पूजन फिर हुआ हरि से हर का मिलन

  • महाकालेश्वर भगवान की श्रावण भाद्रपद माह में निकाली गई नौवीं सवारी

(फोटो : महाकाल)

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण भाद्रपद माह में निकलने वाली नौवीं सवारी सभा मंडप में हुए पूजन अर्चन के बाद शुरू हो चुकी है। सभा मंडप में पंडित घनश्याम पुजारी द्वारा करवाए गए विशेष पूजन अर्चन के बाद रजत पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर विराजित हुए और पालकी जय श्री महाकाल के उद्घोष के साथ नगर भ्रमण पर निकली। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के द्वारा भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बाबा महाकाल की सवारी जैसे ही हरि के द्वार यानी गोपाल मंदिर पहुंची वहां पुष्पों से बाबा महाकाल का भव्य स्वागत किया गया जिसके बाद गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन करने पहुंचे।

बाबा महाकाल की सवारी आज जैसे ही रामघाट पर पहुंची वैसे ही पुजारी गणों द्वारा मां शिप्रा के जल से बाबा महाकाल के स्वरूप श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन अभिषेक किया गया। जिसके बाद बाबा महाकाल की शिप्रा तट पर भव्य आरती की गई। इस दौरान लाखों श्रद्धालु शिप्रा तट के दोनों और बाबा महाकाल की एक झलक पाने को आतुर नजर आए जिन्होंने दोनों हाथ उठाकर बाबा महाकाल का अभिवादन किया और उनके 9 स्वरूपों के भव्य दर्शन भी किए यह सवारी पुनः रामघाट से शुरू हुई जो कि परंपरागत मार्गो से होते हुए श्री गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जहां हरि और हर का मिलन होगा जिसके बाद सवारी महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

बाबा महाकाल की सवारी अपने परंपरागत मार्ग से होते हुए धीरे-धीरे पुनः मंदिर की ओर बढ़ने लगी है। बाबा महाकाल की सवारी जैसे ही हरि के द्वार यानी गोपाल मंदिर पहुंची वहां पुष्पों से बाबा महाकाल का भव्य स्वागत किया गया जिसके बाद गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन करने पहुंचे। इस पूजन अर्चन के बाद भगवान श्री हरि और भगवान हर का मिलन हुआ और चारों और जय श्री महाकाल और जय श्री कृष्णा के जयकारे गूंज उठे…. गोपाल मंदिर पर हरि से हर के मिलन का यह दृश्य देखते ही बन रहा था। हर कोई इस दृश्य को देखकर अपने आपको गौरवान्वित कर रहा था। बाबा महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर से सीधे पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल चौराहा होते हुए महाकाल मंदिर पहुंचेगी। जहां षोडशोपचार पूजन अर्चन के बाद इस सवारी का समापन होगा ।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। रामघाट पर शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

इन स्वरूपों में दर्शन देने निकले बाबा महाकाल

श्रावण भाद्रपद माह की नौवीं सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप श्री चन्द्रशेखर स्वरूप रथ पर विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।

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