सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान भोलेनाथ की हुई देशभर में अर्चना… विश्वनाथ धाम में 7 लाख भक्तों ने किए दर्शन

-उज्जैन, देवघर, सोमनाथ में भी उमड़े श्रद्धालु

(फोटो : काशी1, 2)

वाराणसी। सावन के 8वें और अंतिम सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में आस्था का सैलाब दिखाई दिया। सुबह से ही लंबी कतार बाबा के दर्शन को लग गई। गंगा घाट दशाश्वमेध से लेकर गोदौलिया, चौक, मैदागिन और बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के पट तक की सड़कें श्रद्धालुओं से पट गईं हैं। झांकी दर्शन के साथ ही गंगाधर को जलधार अर्पित करते हुए श्रद्धालु हर-हर, बम-बम का जयघोष करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। मंदिर से मिले आंकड़ों के मुताबिक शयन आरती तक 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए।

मंगला आरती से शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत जारी रहा। सोमवार को बाबा विश्वनाथ की भव्य मंगला आरती उतारी गई। मंगला आरती समाप्त होते ही बाबा दरबार में दर्शन पूजन आरंभ हो गया। रविवार रात से ही श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए कतार में लगे रहे। दर्शन के लिए तय किये गए रास्तों पर लंबी कतार लगी रही। बाबा भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई। हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए श्रद्धालुओं का रेला बाबा के स्वर्णमंडित दरबार की ओर बढ़ा।

बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार

सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया। पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष और फूलों से सजाया गया है। वहीं दूसरी तरफ केदारघाट स्थित गौरीकेदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर समेत शहर के अन्य शिवालयों में दर्शनार्थियों की लंबी कतार लगी है। शिव भक्तों की सेवा के लिए लक्सा स्थित मारवाड़ी संघ के सामने मारवाड़ी युवक संघ, गोदौलिया पर नागरिक सुरक्षा, समाज संगठन की ओर से सेवा शिविर लगाए गए।

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देवघर : बाबा बैद्यनाथधाम में भक्तों की लगी लंबी कतार

झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ धाम में कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। करीब 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जल अर्पण किया।। यहां भक्तों की कतार 3 किमी लम्बी तक दिखाई पड़ी। रविवार रात 10:00 बजे से ही भक्त कतार में खड़े हो गए थे। सावन के आखिरी सोमवार पर यहां एक लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग में भी हुई अर्चना

गुजरात में सावन माह के दूसरे सोमवार को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। गुजरात में सावन का दूसरा सोमवार इसलिए है, क्योंकि यहां अमावस्या तिथियों के हिसाब से गणना होती है। इसलिए गुजरात और महाराष्ट्र में में उत्तर भारत के पंचांग से 15 दिनों का अंतर होता है।

उज्जैन में निकली महाकाल की सवारी

सोम प्रदोष के संयोग में मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर रात तड़के 2.30 बजे मंदिर के पट खोल दिए गए। भस्म आरती के लिए रात 12 बजे से भक्त कतार में लगना शुरू हो गए थे। शाम 4 बजे महाकाल की 8वीं सवारी निकाली गई। उज्जैन में 4 लाख से अधिक भक्तों ने पूजा-अर्चना की।

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