यूक्रेन को शामिल न करने से ट्रूडो नाराज, भारत ने दिया स्पष्टीकरण

जी20 समिट में शामिल होंगे कनाडा के पीएम, आएंगे भारत

नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। समिट में शामिल होने की पुष्टि करने के साथ ही उन्होंने यूक्रेन को इसमें शामिल नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की है। हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ट्रूडो ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि कीव की चिंताओं पर उचित ध्यान दिया जाए और महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक मंच से गौरमौजूदगी के बावजूद दुनिया यूक्रेन के साथ खड़ी है।

ट्रूडो ने जेलेंस्की से कहा था कि मैं जी-20 समिट में शामिल होऊंगा, लेकिन मुझे निराशा है कि आपको इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन हम आपके लिए दृढ़ता से बोलेंगे। हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि दुनिया आपके साथ खड़ी हो. यूक्रेन भी कनाडा के समान है। कनाडा के पीएम ट्रूडो ने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कहा था कि मैं जल्द ही आपसे दोबारा बात करने के लिए उत्सुक हूं। कनाडाई पीएम ने ये टिप्पणी भारत के विदेश मंत्री जयशंकर के उस बयान के बाद की है, जिसमें कहा गया था कि 9 अन्य पर्यवेक्षक देशों को निमंत्रण मिलने के बावजूद यूक्रेन को पर्यवेक्षक राष्ट्र के रूप में बैठक में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।

भारत ने किया अपना बचाव

जी20 के लिए निमंत्रण नहीं दिए जाने के बावजूद ज़ेलेंस्की को अंतर्राष्ट्रीय सर्किट में कई नेताओं का निरंतर समर्थन प्राप्त हुआ है। हालांकि भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने यूक्रेन के बहिष्कार का बचाव करते हुए कहा है कि जी20 मुख्य रूप से एक आर्थिक मंच है न कि संघर्ष समाधान का मंच। दरअसल यूक्रेन जी-20 का सदस्य देश नहीं है। लिहाजा यूक्रेन को आमंत्रित नहीं किया है। हालांकि हाल ही में जापान में जी7 सम्मेलन हुआ था, उसमें यूक्रेन को आमंत्रित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने जेलेंस्की से अलग से बात भी की थी।

यूक्रेन को शामिल न करने की वजह

भारत ने यूक्रेन को न बुलाने पर स्पष्टीकरण दिया है। 16 अगस्त को विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा था कि जी-20 यूनाइडेट नेशन सिक्योरिटी काउंसिल नहीं है। ये आर्थिक फोरम है। ये रूस-यूक्रेन संघर्ष समाधान का मंच नहीं है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद है। 2009 में जी20 को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच घोषित किया गया था. भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता की प्राथमिकता यूक्रेन युद्ध नहीं है, बल्कि विकासशील देशों के आर्थिक मुद्दे हैं।

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