अब पढ़ाई से लेकर नौकरी तक बर्थ सर्टिफिकेट ही होगा सिंगल डॉक्यूमेंट

नई दिल्ली> आपका जन्म प्रमाण पत्र यानी बर्थ सर्टिफिकेट अब एक बेहद अहम दस्तावेज साबित होने वाला है। दूसरे शब्दों में कहें तो जन्म प्रमाण पत्र एकल दस्तावेज के रूप में काम करेगा। किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना हो, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, पासपोर्ट बनवाना हो, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना हो, आधार कार्ड बनवाना हो, विवाह का पंजीकरण कराना हो या फिर सरकारी नौकरी में नियुक्ति पाना हो, हर जगह यही प्रमाण पत्र मान्य होगा।

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार कई साल पुराने कानून में संशोधन करने जा रही है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ (अमेंडमेंट) बिल 2023’ पेश किया था। इस बिल के कानून बनने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डाक्यूमेंट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यानि कि यही सर्टिफिकेट पढ़ाई से लेकर नौकरी तक जहां भी जन्मतिथि की जरूरत पड़ेगी इसे ही मान्य माना जाएगा।

सर्टिफिकेट का फ्री में होगा रजिस्ट्रेशन

इस विधयेक के तहत, रजिस्ट्रार को बर्थ और डेथ का फ्री में रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसका सर्टिफिकेट सात दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को देना होगा। इतना ही नहीं, अगर रजिस्ट्रार के किसी कामकाज से कोई शिकायत है तो 30 दिन के भीतर उसकी अपील करनी होगी। रजिस्ट्रार को अपील की तारीख से 90 दिन के भीतर अपना जवाब देना होगा।

संबंधितों का आधार डिटेल होना जरूरी

इस अधिनियम में प्रावधान है कि जन्म और मृत्यु की जानकारी देने वाले को अपना आधार नंबर देना जरूरी होगा। मान लीजिए, अस्पताल में किसी बच्चे का जन्म होता है तो वहां का मेडिकल ऑफिसर बर्थ की जानकारी देगा। इसके लिए उसे अपना आधार नंबर भी देना होगा। अगर जेल में किसी का जन्म होता है तो जेलर इसकी जानकारी देगा। इसी तरह से बच्चा गोद लेने पर माता-पिता को जानकारी देनी होगी। इसके अलावा अगर सेरोगेसी से जन्म होता है तो भी माता-पिता को इसकी जानकारी देनी होगी।

क्या होंगे फायदे?

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जन्म और मृत्यु का डेटाबेस बनाने से दूसरी सेवाओं से जुड़े डेटाबेस को तैयार करने और अपडेट करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राय ने कहा कि रजिस्टर्ड बर्थ और डेथ के डेटाबेस को अन्‍य सेवाओं से जुड़े डेटाबेस तैयार करने और अपडेट करने में यूज कर सकते हैं। इसकी मदद से राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर, इलेक्टोरल रोल्स, आधार नंबर, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और अन्य सभी नेशनल डेटाबेस को तैयार किया जा सकता है।

इस विधेयक में क्या है

बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट का डिजिटली रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। विधेयक में प्रावधान है कि रजिस्टर्ड जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर डेटाबेस तैयार किया जाएगा। बिल के कानून बन जाने पर शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले, पासपोर्ट, पेन कार्ड, लाइसेंस, वोटर लिस्ट तैयार करने, केंद्र या राज्य सरकार में पदों पर नियुक्ति के लिए बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा।

जन्म और मृत्यु का डेटाबेस होगा तैयार

इसकी मदद से जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया जा सकेगा। इनमें इलेक्टोरल रोल, पॉपुलेशन रजिस्टर और राशन कार्ड जैसे कई डेटाबेस शामिल होंगे। विधेयक में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने को जरूरी कर दिया गया है। जैसे अगर किसी की अस्पताल में मृत्यु होती है तो वो डेथ सर्टिफिकेट जारी करेगा। अगर बाहर किसी की मृत्यु होती है तो उस व्यक्ति की देखभाल करने वाला डॉक्टर या मेडिकल प्रैक्टिशनर डेथ सर्टिफिकेट देगा

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