- पटवारी परीक्षा की टॉपर पूनम का भी बिहार की रूबी राय वाला हाल
(फोटो : पूनम)
भोपाल। मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले की बात सामने आने के बाद अब इसके टॉपरों पर भी सवाल उठने लगे हैं। पटवारी भर्ती परीक्षा में शामिल हुए करीब 10 लाख छात्रों में से तीसरा स्थान हासिल कर चर्चा में आई पूनम राजावत का हाल भी काफी हद तक 2016 में बिहार बोर्ड से इंटर की टॉपर बनी रूबी राय जैसा है। जिस तरह रूबी राय को इंटर में आर्ट्स के विषयों के नाम भी लेने नहीं आते थे, उसी प्रकार पूनम राजावत भी दो आसान से सवालों के जवाब नहीं दे सकी। पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले के आरोप सामने आने के बाद जब एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर पूनम राजावत का इंटरव्यू लेने उसके घर पहुंचे तो पूनम एकदम सकपका सी गई। रिपोर्टर ने जब पूनम से पूछा कि मध्य प्रदेश में कितने जिले हैं? मध्य प्रदेश में कितने संभाग हैं? नर्मदापुरम संभाग में कौन-कौन से जिले आते हैं? बस इन 3 आसान से सवालों को सुनकर ही पूनम के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं।
पूनम रिपोर्टर के एक भी सवाल का जवाब नहीं दे सकी, जबकि परीक्षा में ऐसे न जाने कितने सवालों के जवाब देकर ही उसे पटवारी भर्ती परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है, लेकिन पूनम राजावत को अब इन सभी सवालों के जवाब तक याद भी नहीं है। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन नामक एक ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो शेयर किया गया है।
बताया जा रहा है कि पूनम का सेंटर भी ग्वालियर के एक प्राइवेट कॉलेज में ही पड़ा था, जहां से टॉप-10 में 7 उम्मीदवार निकले थे। इसको लेकर बाद उठे विवाद और परीक्षा के परिणाम संदेह के घेरे में आने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस परीक्षा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।
विवाद का सबसे बड़ा कारण यह है कि टॉप-10 टॉपरों में से सात ने ग्वालियर के एक प्राइवेट कॉलेज में बनाए गए सेंटर में भर्ती परीक्षा दी थी। ऐसा दावा किया जा रहा है इस सेंटर से कुल 114 लोगों का भर्ती परीक्षा में चयन हुआ है। कांग्रेस का दावा है कि यह कॉलेज सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक द्वारा चलाया जा रहा है। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा ने इस भर्ती परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है।
30 जून को जारी हुआ था रिजल्ट
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मार्च- अप्रैल 2023 में समूह-2, समूह-4 के लिए एवं पटवारी पद के लिए आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा के परिणाम में आठ हजार 617 पद की मेरिट सूची 30 जून को जारी की गई थी।
क्या है रूबी राय मामला?
गौरतलब है कि साल 2016 में बिहार शिक्षा बोर्ड की छवि उस वक्त दागदार हुई थी जब हाजीपुर जिले की रहने वाली रूबी राय नाम की छात्रा ने आर्ट्स स्ट्रीम से इंटरमीडिएट की परीक्षा में टॉप किया था। परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद जब मीडियाकर्मी उसके घर इंटरव्यू के लिए पहुंचे और उससे पूछताछ की तो उसे अपने सब्जेक्ट के नाम तक ठीक से याद नहीं थे। रूबी राय उस वक्त सुर्खियों में आई थी जब उसने भविष्य में पॉलिटिकल साइंस को प्रॉडिकल साइंस से पढ़ाई करने की इच्छा जताई थी। यह मामला सुर्खियों में आने के बाद परीक्षा परिणाम में हुई धांधली की पोल खुल गई थी और उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी। मामला सामने आने पर जहां बोर्ड ने हर संभव सफाई देने की कोशिश की लेकिन टॉपर रूबी से रिव्यू टेस्ट में कई सवाल पूछे गए तो ये साबित हुआ कि उसने खुद अपनी कॉपी नहीं लिखी थी।
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