इंग्लैंड के इतिहास की ‘सबसे लंबी’ हड़ताल

-हजारों चिकित्सकों ने किया वॉकआउट

लंदन, 13 जुलाई ( ब्रिटेन में सरकारी वित्त-पोषित स्वास्थ्य देखभाल सेवा को अब तक की सबसे लंबी हड़ताल का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इंग्लैंड में हजारों चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को वेतन के मुद्दे पर पांच-दिवसीय ‘वॉकआउट’ शुरू कर दिया है। मेडिकल की पढ़ाई के बाद के वर्षों में अपने करियर के शुरुआती चरण वाले तथाकथित जूनियर चिकित्सकों ने सुबह सात बजे अपनी हड़ताल शुरू कर दी। इनमें से कई ने इंग्लैंड के अस्पतालों के बाहर पंक्तिबद्ध होकर 35 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लेकर अपना पक्ष रखा। चिकित्सकों के संघ ‘ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन’ (बीएमए) ने मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए जूनियर चिकित्सकों के वेतन को 2008 के स्तर पर वापस लाने के लिए 35 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग की है। इस बीच, इंग्लैंड के 75,000 या उससे अधिक जूनियर चिकित्सकों पर काम का बोझ बढ़ गया है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इलाज के लिए प्रतीक्षारत मरीजों की संख्या रिकॉर्ड कायम कर चुकी है। बीएमए नेता डॉ रॉबर्ट लॉरेनसन और डॉ विवेक त्रिवेदी ने कहा, ‘‘आज एनएचएस के इतिहास में चिकित्सकों द्वारा सबसे लंबे ‘वॉकआउट’ की शुरुआत हुई है, लेकिन यह अभी भी एक रिकॉर्ड नहीं है जिसे इतिहास की किताबों में दर्ज किया जाए।” उन्होंने सरकार से हड़ताल की घोषणा होने पर बात न करने की अपनी \”निरर्थक पूर्व शर्त\” को छोड़ने का आग्रह किया। स्वास्थ्य मंत्री स्टीव बार्कले ने कहा, \”जूनियर चिकित्सकों के इस पांच-दिवसीय ‘वॉकआउट’ का हजारों मरीजों पर असर पड़ेगा, मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी और एनएचएस प्रतीक्षा सूची को कम करने के प्रयासों में बाधा आएगी।” उन्होंने कहा, ‘‘पैंतीस प्रतिशत या उससे अधिक वेतन बढ़ोतरी की मांग अनुचित है और इसमें मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने का जोखिम है, जो हर किसी को गरीब बनाती है।\

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