—पश्चिम बंगाल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की बंपर जीत
ग्राम पंचायत चुनाव नतीजों में भाजपा को दी करारी शिकस्त
भाजपा के मुकाबले चार गुना ज्यादा सीटों पर टीएमसी को बढ़त
आंकड़ों के अनुसार सीपीएम तीसरे, कांग्रेस चौथे नंबर पर
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इंट्रो
पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने छप्परफाड़ जीत हासिल की है। हिंसा के बीच हुए पंचायत चुनाव में टीएमसी ने विपक्षी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया है। नतीजों को देखें तो भाजपा के मुकाबले टीएमसी को चार गुना ज्यादा सीटें मिली हैं। यानी पंचायत चुनाव में तगड़ा पंच लगाते हुए ममता बनर्जी बंगाल में फिर ‘सरपंच’ बनी हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायतों में से 19 हजार से अधिक सीटाें पर जीत दर्ज कर ली है। भाजपा 4500 के आसपास सिमट गई। 5,500 पंचायतों में अन्य दलों के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अधिकारियों ने गणना के आधार पर यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को ग्राम पंचायत 63229, पंचायत समिति की 9730 और जिला परिषद की 928 सीटों के लिए चुनाव हुआ। ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजों में ममता बनर्जी की टीएमसी ने बंपर विजय हासिल की है। रात तक ग्राम पंचायत की 29424 सीटों के रुझान और नतीजे आ चुके हैं। इनमें टीएमसी ने 19332 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी थी। ग्राम पंचायत की तकरीबन आधी सीटों के आंकड़ों में टीएमसी के आसपास भी कोई नहीं नजर आ रहा है। भाजपा को 4592 सीटों पर जीत हासिल हुई। इस लिहाज से बीजेपी के मुकाबले टीएमसी चार गुना ज्यादा सीटों पर आगे है। वहीं सीपीएम को 2152 सीटों पर बढ़त मिली है। कांग्रेस 1730 सीटों के साथ ग्राम पंचायत चुनाव में चौथे नंबर पर है। अन्य दलों को अब तक 1618 सीटों पर बढ़त मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि करीब 74,000 सीट पर हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे शांतिपूर्ण ढंग से जारी है। इनमें ग्राम पंचायत सीट के अलावा 9,730 पंचायत समिति की सीट और 928 जिला परिषद सीट शामिल हैं। राज्य के 22 जिलों में करीब 339 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। राज्य में करीब 74,000 सीट पर पंचायत चुनाव हुए थे। सबसे अधिक 28 मतगणना केंद्र दक्षिण 24 परगना जिले में है, जबकि सबसे कम चार मतगणना केंद्र कालिम्पोंग में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा, सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना के अगले दो दिन जारी रहने की उम्मीद है। मतों की गिनती और नतीजे आने में वक्त लगेगा। दार्जीलिंग में कुल 598 सीट हैं जबकि कालिम्पोंग में कुल 281 सीट हैं। इनमें 21 पर भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) बढ़त बनाए हुए है जबकि भाजपा एक पर और निर्दलीय चार पर बढ़त बनाए हुए हैं।
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नाचकर जीत का मनाया जश्न
कई जिलों में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने नाचकर, एक दूसरे को गले लगाकर और हरा गुलाल लगाकर जीत का जश्न मनाया। सभी मतगणना केंद्रों पर राज्य पुलिस तथा केंद्रीय बलों के सशस्त्र कर्मी तैनात हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतगणना केंद्रों के बाहर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू की गई है। 22 जिलों में कुल 767 ‘स्ट्रांगरूम’ स्थापित किए गए हैं। विभिन्न मतगणना स्थल पर प्रत्याशियों के समर्थक बड़ी संख्या में जमा हुए हैं।
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भाजपा बोली-टीएमसी ने की मतों की लूट
भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर मतों की लूट करने और मतगणना केंद्र में विरोधियों के मतगणना एजेंट को प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा,‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के मतगणना एजेंट को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर जनमत की चोरी करने का प्रयास कर रहे हैं। मतगणना एजेंटों को केंद्रों में जाने से रोका जा रहा है और बमबाजी कर उन्हें धमकाया जा रहा है।
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हार की वजह से आधारहीन आरोप
भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, हार की वजह से वे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद शर्मनाक हार का आभास होने पर भाजपा अपनी संगठनात्मक अक्षमता छिपाने की आखिरी कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए।
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छात्र संगठन के जाम की सड़क
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में पंचायत चुनावों की मतगणना के दौरान छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष प्रतिकुर रहमान को हिरासत में लिए जाने के विरोध में संगठन के कार्यकर्ताओं ने मध्य कोलकाता में कॉलेज स्ट्रीट को अवरुद्ध कर दिया। एसएफआई के करीब 50 सदस्य प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय परिसर के सामने सड़क पर बैठ गए, जिससे कॉलेज स्ट्रीट पर लगभग आधे घंटे तक यातायात बाधित रहा।
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राज्यपाल बोले- हिंसा, भ्रष्टाचार से लड़ने की जरूरत
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने मंगलवार को कहा कि राज्य के दो दुश्मन हैं- हिंसा व भ्रष्टाचार, और राजनीतिक दलों को इनसे लड़ना चाहिए। बोस ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान हिंसा की घटनाओं की निंदा की जिनमें 15 लोग मारे गए। अभी वोटों की गिनती जारी है। बोस ने यहां राजभवन में कहा, पूरे बंगाल के लिए दो सूत्री एजेंडा है, राजनीतिक संबद्धताओं के इतर। दो साझा दुश्मनों के खिलाफ लड़ें। पहला दुश्मन हिंसा है और दूसरा भ्रष्टाचार है।
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