मतभेदों से ऊपर उठें, सामूहिक विशेषज्ञता का करें इस्तेमाल

-G20 विज्ञान मंत्रियों की बैठक में बोला भारत

(फोटो : जी20)

मुंबई। भारत ने बुधवार को जी-20 के विज्ञान मंत्रियों की बैठक में देशों से मतभेदों से ऊपर उठने का आह्वान किया और अपनी सामूहिक विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और पानी की कमी जैसी मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने को कहा। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत आज के समय की जटिल चुनौतियों से निपटने में वैश्विक सहयोग और ज्ञान साझा करने के महत्व को समझता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस बारे में बात की है। मंत्री ने जी-20 देशों से आह्वान किया कि वे नवाचार की संस्कृति व सतत विकास को बढ़ावा देने और सभी के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अपने सामूहिक ज्ञान, विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों को ‘मतभेदों से ऊपर उठना’ चाहिए और एक परिवार की भावना के साथ दुनिया के सामने मौजूद वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना चाहिए।

वैश्विक चुनौतियों से निपटने की क्षमता

सिंह ने कहा कि इस समूह में प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से निपटने की क्षमता है जैसा कि उसने हाल ही में कोविड-19 महामारी का मुकाबला करते हुए किया था। मंत्री ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत बेहतर कल के लिए वैश्विक अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में वैज्ञानिक और शोधकर्ता अंतरिक्ष अन्वेषण से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), जैव प्रौद्योगिकी से लेकर नैनो टेक्नोलॉजी जैसे कई विषयों में अत्याधुनिक खोजों और प्रगति में सबसे आगे रहे हैं और उन्होंने वैज्ञानिक समझ की सीमाओं को आगे बढ़ाया है और नवाचार को बढ़ावा दिया है जो पूरी मानवता को लाभान्वित करता है।

ऊर्जा क्षेत्र में ला सकते हैं क्रांति

मंत्री ने कहा, ‘हमारे वैज्ञानिक ऐसी सामग्रियों की खोज और निर्माण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं जो ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं, इसे स्वच्छ, अधिक किफायती और सभी के लिए सुलभ बना सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि जी-20 देशों को स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर संक्रमण को आगे बढ़ाने और स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा-कुशल इमारतों और टिकाऊ परिवहन प्रणालियों जैसे पर्यावरण-नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार की शक्ति का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि ये पहल न केवल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती हैं और रोजगार सृजन के लिए नए रास्ते पैदा करती हैं।

एडवांस स्पेस टेक्नोलॉजी

उन्होंने यह भी बताया कि जी -20 समुदाय के पास चक्रवात, सुनामी, भूस्खलन और जंगल की आग जैसे विभिन्न प्राकृतिक खतरों की भविष्यवाणी और निगरानी करने के लिए उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां हैं। मंत्री ने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों के उत्पादों को जी-20 के बाहर के देशों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकियों का विकास, क्वांटम संचार, क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम एल्गोरिदम की खोज जी-20 अनुसंधान एजेंडे का अगला स्तर है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाना है और सतत विकास का समर्थन करने वाले अग्रणी राष्ट्र के रूप में कई अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाना है। सिंह ने कहा कि वैज्ञानिकों ने आनुवंशिक अनुसंधान और जैव प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इन प्रयासों में स्वास्थ्य देखभाल परिणामों में सुधार और आनुवंशिक विकारों को दूर करने की अपार क्षमता है।

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