आतंकी हमले को देखते हुए इस बाद आईटीबीपी के जवान भी किए गए तैनात
137 बटालियन सीआरपीएफ की
08 बटालियर आईटीबीपी की
30 से ज्यादा ट्रेंड रेस्क्यू टीमें तैनात
3.04 लाख से ज्यादा का रजिस्ट्रेशन
70 हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम
62 दिनों तक चलेगी अमरनाथ यात्रा
22 लंगर में 24 घंटे मिलेगा भोजन
26 लॉजमेंट सेंटर में 3000 के ठहरने की व्यवस्था
100-100 बिस्तरों वाले अस्पताल
1700 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों की तैनाती
4000 सफाई कर्मचारी,
5100 टॉयलेट्स बनाए गए
नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा कल 1 जुलाई से प्रारंभ हो रही है। इस बार यात्रा पूरी तरह तंबाकू मुक्त होगी। इस वर्ष बारिश और भूस्स्खलन की घटनाओं को देखते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने भी नियम बनाए हैं, जिनके तहत हाई रिस्क वाले ढाई किमी के रास्ते में यात्रियों को हेलमेट पहनना होगा। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 30 जून को जम्मू भगवती नगर बेस कैम्प से घाटी के लिए रवाना होगा। यात्रा का पहला जत्था आज 30 जून की सुबह तड़के उधमपुर पहुंचेगा। टिकरी में उधमपुर की सीमा में प्रवेश करते ही काली माता मंदिर परिसर में जिला प्रशासन व शहरवासी अमरनाथ यात्रियों का हार पहना कर स्वागत करेंगे। उनको जलपान भी करवाया जाएगा और फिर जत्था आगे की तरफ निकल जाएगा। करीब दो महीने चलने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन काफी चौकस है।
अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ की 137 बटालियन सहित आईटीबीपी के जवानों को भी तैनात किया गया है। जवान पैराकमांडो, डॉग स्कवायड और ड्रोन के साथ सुरक्षा व्यवस्था को संभाल चुके हैं। यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने का काम यातायात पुलिस व जम्मू-कश्मीर पुलिस को दिया गया है। उधमपुर की सीमा में अमरनाथ यात्रियों के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। यात्रा का जत्था उधमपुर की सीमा से गुजरेगा और अगर किसी आपात स्थिति में जत्थे को रोका जाता है तो उधमपुर में यात्रियों के ठहरने व खाने पीने की पूरी व्यवस्था रहेगी। नए आदेश के तहत यात्रा में पड़ने वाले सभी पड़ावों पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री पूरी तरह बैन रहेगी।
श्राइन बोर्ड मुफ्त हेलमेट देगा
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ मनदीप कुमार भंडारी के मुताबिक, लैंडस्लाइड और पत्थर गिरने की घटनाओं को देखते हुए इस बार हाई रिस्क जोन वाले ढाई किमी के रास्ते में यात्रियों को हेलमेट अनिवार्य किया गया है। इतना ही नहीं जो लोग खच्चर से जाएंगे उनके लिए भी हेलमेट जरूरी होगा। हेलमेट श्राइन बोर्ड की तरफ से मुफ्त मुहैया कराए जाएंगे। साथ ही पहाड़ी इलाकों में 30 से ज्यादा ट्रेंड माउंटेन रेस्क्यू टीमों को तैनात किया है।
अब तक 3 लाख लोगों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल 28 जून तक करीब 3.04 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले साल से 10% ज्यादा है। इस साल कठुआ से लेकर पवित्र गुफा तक एक साथ 70 हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया है। इस बार भी पवित्र गुफा के पास रात में किसी यात्री को ठहरने नहीं दिया जाएगा।
टिकरी से लगेंगे 22 से अधिक लंगर
अमरनाथ यात्रा को लेकर जिला उधमपुर के टिकरी से चिनैनी नाशरी तक 22 से अधिक लंगरों की व्यवस्था रहेगी। इनमें अमरनाथ यात्रियों को 24 घंटे खाने की सुविधा मिलेगी। जिला प्रशासन ने 22 लंगर कमेटियों को लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है और अगले कुछ दिनों में चार और लंगर कमेटियों को अनुमति दी जाएगी। राजमार्ग पर हर दो से तीन किलेामीटर के बाद एक लंगर लगा होगा, जहां अमरनाथ यात्री प्रसाद गहण कर सकेंगे।
26 लॉजमेंट सेंटर में 3000 के ठहरने की व्यवस्था
जिला उधमपुर में राजमार्ग बंद होने या फिर अन्य आपात स्थिति के दौरान जत्था रोके जाने पर 3000 अमरनाथ यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था होगी। इसके लिए 26 लॉजमेंट सेंटर तैयार किए गए हैं। यह लॉजमेंट सेंटर शहर के अंदर व राजमार्ग के किनारे पर मौजूद सरकारी इमारतों व निजी कॉलेजों की इमारतों में बनाए गए हैं। कुछ लॉजमेंट मैरिज हाल के अंदर बनाए गए हैं। इनमें अमरनाथ यात्रियों को बेड की सुविधा मिलेगी।
दोनों रास्तों पर 100 बिस्तरों वाले अस्पताल
अमरनाथ यात्रा से पहले डीआरडीओ और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बालटाल और चंदनवाड़ी में 100-100 बिस्तरों के दो अस्पताल बनाए हैं। दोनों अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिव भूपिंदर कुमार के मुताबिक प्रशासन ने दोनों अस्पतालों के लिए 13-13 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। श्राइन बोर्ड ने 1700 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की तैनाती की गई है। 4000 सफाई कर्मचारी और यात्रा के दोनों मार्गों पर 5100 टॉयलेट्स बनाए गए हैं।
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