राहुल को सड़क मार्ग से जाने से रोका, उड़कर गए, पीड़ितों के पोंछे आंसू

नई दिल्ली, इंफाल। हिंसाग्रस्त मणिपुर में अब सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को दो दिन के मणिपुर दौरे पर पहुंचे। राहुल को चुराचांदपुर जाने प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से इजाजत दी थी लेकिन वे सड़क मार्ग से जाने अड़े रहे जिस कारण इम्फाल से 20 किमी दूर बिष्णुपुर के पास उनके काफिले को पुलिस ने रोक दिया है। पुलिस का कहना है कि रास्ते में हिंसा हो सकती है और उनकी सुरक्षा अहम है। उसके बाद राहुल हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचे और हिंसा पीड़ित लोगों से मुलाकात की। इधर कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं।

हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र व मणिपुर सरकार हकीकत छुपाना चाहती है इसलिए विपक्षियों को मणिपुर जाने से रोक रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि राहुल को संवेदनशील स्थिति को समझना चाहिए और सड़क मार्ग से जाने की जिद छोड़ना चाहिए। मणिपुर दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी के काफिले को रोकने के बाद कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की जिस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को हटाया। लंबी जद्दोजहद के बाद राहुल का काफिला वापस इम्फाल हवाई अड्डे की तरफ लौटा। राहुल के यात्रा मार्ग पर खड़े स्थानीय लोगों ने राहुल गो बैक व कांग्रेस समर्थकों ने राहुल के समर्थन में नारे लगाए।

राहुल जिद्दी नहीं समझदार बनें : संबित पात्रा

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, राजनीतिक लाभ के लिए ‘जिद्दी’ बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है संवेदनशील स्थिति को ‘समझना’ देखना। हेलिकॉप्टर टिकट की कीमत सिर्फ 2500/- रुपये है। पात्रा ने कहा कि राहुल की यात्रा का मणिपुर में कई नागरिक समाज संगठनों और छात्र संघों ने कड़ा विरोध किया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राहुल से सड़क मार्ग के बजाय चुराचांदपुर जाने के लिए हेलिकॉप्टर से जाने का अनुरोध किया है। राहुल सड़क मार्ग से जाने की जिद पर अड़े हैं।

राहुल हिंसा पीड़ितों से मिले

विष्णुपुर में काफी जद्दोजहद के बाद राहुल गांधी हेलिकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचे। यहां वह राहत शिविर में हिंसा पीड़ित लोगों से मिले। इससे पहले राहुल इम्फाल एयरपोर्ट से सड़क मार्ग के जरिए चुराचांदपुर जाने के लिए निकले थे लेकिन बिष्णुपुर में पुलिस ने राहुल के काफिले को रोक लिया था। पुलिस का कहना था कि सुरक्षा कारणों की वजह से राहुल को सड़क मार्ग से आगे नहीं जाने दिया जा सकता।

मोदी ने मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ा : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया और कहा पीएम मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ने की जहमत नहीं उठाई है। उन्होंने राज्य को अपने हाल पर छोड़ दिया है। अब उनकी डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें सहानुभूति की सोच रखने वाले राहुल गांधी को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ती हैं। मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं।

प्रियंका ने साधा सरकार पर निशाना

राहुल को रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा कि देश में शांति और भाईचारे के प्रयास करना हर एक देशप्रेमी का कर्तव्य है। राहुल गांधी मणिपुर के नागरिकों का दर्द साझा करने व शांति का संदेश फैलाने गए हैं। भाजपा सरकार को भी यही करना चाहिए। सरकार राहुल गांधी को क्यों रोकना चाहती है?

आखिर किस बात का डर है : श्रीनेत

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, खुद प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जाएंगे और अगर राहुल गांधी हिंसा और नफरत के इस माहौल को शांत करने जाएंगे तो उनको रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आखिर डर किस बात का है? यही कि आपकी विफलता और असंवेदनशीलता का पर्दाफाश हो जाएगा या फिर मोहब्बत, शांति और अमन से बैर है? सच है इस देश का प्रधानमंत्री कायर है।

कांगपोकपी में गोलीबारी, कई हताहत

इसी बीच, मणिपुर के कांगपोकपी जिले के हारोथेल गांव में गुरुवार सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। गोलीबारी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद गोलीबारी अब रुक गई है। बताया गया कि अज्ञात ने बिना किसी कारण के गोलीबारी की। बताया गया कि इस घटना में कई लोग हताहत होने के समाचार हैं।

हिंसा में अब तक 100 से अधिक की मौत

बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में अब तक कई लोग घायल हुए हैं। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थी।

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