छत्तीसगढ़ के नेताओँ को आलाकमान ने दी नसीहत, आपसी खींचातानी से रहें दूर

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दो टूक ताकीद दी कि आगामी विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा के चुनाव में किसी भी तरह की आपसी खींचातानी से दूर रहें। भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं को जन कल्याणकारी माना गया, मगर योजनाओं को वोटों में कैसे तब्दील किया जाए, इस पर सूबे के अग्रिम पंक्ति के नेताओं को समझाइश दी गई।

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां राजकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और घोषणा पत्र में किये गये वायदों के अब तक पूर्ण होने की तफ्सील से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के मार्फत ‘गढ़वो नवा छत्तीसगढ़’ मंत्र के तहत कांग्रेस के नये वोटर्स कैसे तैयार हुए उसकी रूपरेखा भी साझा की।

प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सांगठनिक तौर पर पार्टी और सरकार के बीच तालमेल करते हुए दोबारा सत्ता में आने का दावा किया। जिसकी संस्तुति करते हुए घोषणा पत्र तैयार करने वाले कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी नेतृत्व को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार की बेहतर योजनाएं धरातल में उतरी हैं। लाभार्थियों का एक बडा समूह तैयार हुआ है। भूपेश सरकार सूबे के अंतिम आदमी तक पहुंचने में सफल रही है। लगभग सभी नेताओं ने एक सुर में आलाकमान को आश्वस्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी न केवल राज्य में दोबारा सत्ता में आएगी बल्कि लोकसभा चुनाव में में भी वोटर्स अधिकतम संख्या में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को जिता कर संसद भेजेंगे।

बैठक की कमान एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के हाथ में थी वहीं साथ में बैठे राहुल गांधी बीच बीच में अपनी विशेष टीका टिप्पणी में ‘एकजुटता’ पर बल दिया। उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे वहां पीसीसी ने बेहतर समन्वय के साथ काम किया और पार्टी सत्ता में आई। सत्ता में आने के बाद भी आपसी टकराहट के बजाय संवाद से सब हल हुआ। उनका इशारा साफ था कि एकजुट रहोगे तो जीत पक्की होगी। राहुल गांधी साथ बैठीं प्रभारी कुमारी सैलजा से कुछ विषयों पर इनपुट भी लेते नजर आए।

शीर्ष नेतृत्व की दाहिनी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव, मोहम्मद अकबर, जयसिंह अग्रवाल और कवासी लखमा थे वहीं बाईं ओर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू बैठे थे। फिर तीनों प्रभारी सचिव का आसन था।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रभारी कुमार सैलजा ने एआईसीसी के मंच से जानकारी दी कि प्रदेश के सभी नेताओं ने पार्टी को फिर से सत्ता तक पहुंचाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, मैं तो छत्तीसगढ को चंद दिनों में बहुत कम जानती हूं। हमारे नेता राहुल गांधी ने व्यापक रूप से छत्तीसगढ का दौरा किया है, यही वजह है कि उन्होंने हम सभी को चुनावी जीत का मंत्र दिया, हम सब को गाइड किया।


बस अपनी कही…

सूबे में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने महामंत्रियों के बीच कार्यों का बंटवारा किया। उसे नई नियुक्ति बताकर जिस तरह प्रभारी कुमारी सैलजा ने पत्र लिखकर खारिज किया। एक नेता का नाम लिखकर विशेष पद देने का निर्देश पीसीसी अध्यक्ष को को दिया, क्या किसी प्रभारी को कांग्रेस पार्टी के संविधान ने ऐसी ताकत दी है? ऐसे सवाल पत्रकार पूछते रह गये, मगर बिना किसी सवाल को लिये प्रभारी कुमारी सैलजा ने अपनी कही और नेताओं को मंच से लेकर निकल गईं। मन की बात कही, किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।

पीसीसी में होगी कई नियुक्तियां

एआईसीसी में हुई औपचारिक बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, शिव डहरिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम वन टू वन चर्चा करने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास स्थान पर पहुंचे। सांगठनिक स्तर पर पीसीसी का स्वरूप बड़ा किया जाना है। अभी केवल 40 पदाधिकारियों की बदौलत पीसीसी चल रहा है। उसमें अभी 120 नेताओं को एडजस्ट किया जाना प्रस्तावित है। उनमें बड़ी संख्या में सचिव और संयुक्त महामंत्रियों की नियुक्ति की सिफारिश मोहन मरकाम ने की है।

सीडब्लूसी में वरिष्ठ को मिलेगा मौका

एआईसीसी की सर्वोच्च नीति निर्धारिक समिति सीडब्लूसी भी नये सिरे से आकार ले रहा है, उसमें भी पार्टी अध्यक्ष राज्य से किसी वरिष्ठ नेता को रखना चाहते हैं। एआईसीसी में अभी राज्य से केवल सचिव के तौर पर रायपुर विधायक विकास उपाध्याय का नाम है। दो और नेताओं की संभावना एआईसीसी में एडजस्ट किये जाने की है। इस विषय पर केवल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंत्रणा की।

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