—कई दल साथ में आए, विरोध के भी स्वर
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को बुधवार को अपना सैद्धांतिक समर्थन दिया, लेकिन उसने कहा कि सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद आम सहमति से ही इसे लाया जाना चाहिए। ‘आप’ के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि सरकार को इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श करना चाहिए जिसमें राजनीतिक दल और गैर-राजनीतिक संस्थाएं शामिल हों। पाठक ने कहा, आप सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करती है। (संविधान का) अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार को यूसीसी तभी लाना चाहिए जब हितधारकों के बीच आम सहमति हो। पाठक ने कहा, हमारा मानना है कि इस तरह के मुद्दों पर हमें आम सहमति से आगे बढ़ना चाहिए। हम मानते हैं कि इसे (यूसीसी) सभी पक्षों के बीच आम सहमति बनने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था, हम देख रहे हैं यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा। फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?
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विरोध में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
इधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समान नागरिक संहिता के खिलाफ मजबूत पैरवी की तैयारी में जुट गया है। एआईएमपीएलबी के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली के अनुसार, बोर्ड ने मंगलवार रात वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक बैठक की। इसमें यूसीसी पर आपत्ति संबंधी बोर्ड के मसौदा दस्तावेज पर चर्चा की गई। बोर्ड के वकीलों द्वारा तैयार किये जा रहे इस दस्तावेज को विधि आयोग को सौंपा जाएगा। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बुधवार को कहा कि बोर्ड यूसीसी पर विधि आयोग के समक्ष 14 जुलाई से पहले ही अपनी आपत्ति दाखिल कर देगा।
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अकाली दल बोला-आदिवासियों पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव
शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होने से अल्पसंख्यक और आदिवासी समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पंजाब में विपक्षी दल ने यूसीसी को अपना सैद्धांतिक समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मंजूरी ने उसके अल्पसंख्यक विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है।
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इनका मिला साथ
00 कश्मीरी पंडितों के संगठन पनून कश्मीर भी साथ, नरसंहार पर रोक के कानून की मांग दोहराई
00 विहिप ने समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान का किया समर्थन
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