महाराजा ने रथों पर लगाई झाड़ू

पुरी की रथयात्रा में शामिल हुए 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु

पुरी। पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने मंगलवार को भगवान जगन्नाथ और उनके दो भाई-बहनों के रथों को भक्तों द्वारा खींचे जाने से पहले उस पर झाड़ू लगाई। सफेद पोशाक पहने और एक चांदी की पालकी में ले आये गए पुरी राजघराने के दिव्यसिंह देव बारी-बारी से रथों पर चढ़े और एक सुनहरे हत्थे वाली झाड़ू का उपयोग करके रथों के फर्श को साफ किया। इस दौरान पुजारियों ने फूल और सुगंधित जल का छिड़काव किया। देव ने सबसे पहले भगवान बलभद्र के रथ ‘तालध्वज’, फिर भगवान जगन्नाथ के ‘नंदीघोष’ और अंत में देवी सुभद्रा के रथ ‘दर्पदलन’ की पूजा की। रथ यात्रा में करीब 25 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है।

नियमों के अनुसार, पुरी के राजा को मंदिर के अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से प्रतिनियुक्त एक दूत के माध्यम से सूचित किया जाता है कि देवताओं ने रथों पर स्थान ग्रहण कर लिया है। मंदिर के रिकॉर्ड में कहा गया है, बारहवीं शताब्दी में अनंतवर्मन चोडगंगदेव से लेकर ओडिशा के राजाओं ने स्वयं को भगवान जगन्नाथ का ‘रौता’ (सेवक) घोषित किया और उनके प्रतिनिधि के तौर पर भूमि पर शासन किया। राजा द्वारा रथों की सफाई किये जाने के बाद और महल में जाने के बाद, भूरे, काले और सफेद रंग के लकड़ी के घोड़ों को तीन रथों में लगाया जाता है और जिन्हें श्रद्धालुओं द्वारा खींचा जाता है।

शंकराचार्य ने की पूजा

अनुष्ठान से पहले पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती अपने चुनिंदा शिष्यों के साथ आये और रथों की पूजा की। सुबह मंगला आरती के बाद भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया। फिर रथों की पूजा कर बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ में बैठाया गया। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्रथम दर्शन किए।

अहमदाबाद में 146वीं रथयात्रा

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल हुए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुजरात पुलिस ने पहली बार रथयात्रा में पूरे मार्ग पर निगरानी के लिए 3डी मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है। किसी भी अवैध ड्रोन को आने से रोकने के लिए ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी का भी उपयोग किया जा रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोने की झाड़ू से रथ का मार्ग साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म के रूप में ‘पाहिंद विधि’ में भाग लिया। इसके बाद भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ जमालपुर इलाके में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से 18 किलोमीटर की रथयात्रा के लिए निकले। रथयात्रा शुरू होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह मंदिर में ‘मंगल आरती’ की।

रथयात्रा में तीन रथों के साथ करीब 15 सजे-धजे हाथी चल रहे थे। इनके अलावा 100 ट्रक में झांकियां और गायक मंडलियां साथ में हैं।
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