रथ परिक्रमा से पूर्व महाराजा ने झाड़ू लगाकर उतारी आरती

भगवान के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर की गई परिक्रमा

फोटो गांेचा

जगदलपुर

श्रीगोंचा के अवसर पर मंगलवार को सर्वप्रथम सुसज्जित रथ में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र स्वामी को रथारूढ़ किया गया। भगवान के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ होने के बाद बस्तर महाराजा कमलचन्द्र भंजदेव ने झाड़ू लगाकर आरती उतारी। इस दौरान बस्तर का प्रमुख तुपकी की गूंज चारों तरफ गूंजती रही। बांस की तुपकी में पेंग का बीज डालकर लोग तुपकी से एक-दूसरे काे मारते रहे। खास तौर पर गांव के युवा ग्रामीण महिलाओं को निशाना बनाते रहे। हालांकि पुलिस की तगड़ी व्यवस्था होने के कारण महिलाओं को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। इस दौरान 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के पंडितों और ब्राह्मणों ने परंपरानुसार जय जगन्नाथ का जयघोष करते रहे। रथ परिक्रमा के लिए पहली बार रथों में दुधिया रोशनी की व्यवस्था की गई थी।

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