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कोलकाता। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई झड़पों को लेकर विपक्ष के आरोपों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस तो बहुत राज्यों में रही है, वे संसद में हमारा सहयोग चाहते हैं और राज्य में पार्टी हम पर हमला करती है। हम बीजेपी के खिलाफ उनका साथ देने को तैयार हैं लेकिन सीपीआई (एम) से हाथ मिलाने के बाद आप बंगाल में हमसे सहयोग मांगने न आएं। ‘ बता दें कि बंगाल पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने सीपीआई(एम) के साथ गठबंधन किया है। इसका ऐलान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किया था। टीएमसी चीफ ने कहा कि कांग्रेस से बीजेपी की गोद में बैठी है और बीजेपी कांग्रेस की गोद में। ‘अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तालमेल करती है, तो उसे राज्य में हमसे समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।’
हिंसा पर किया पलटवार
हालिया पंचायत चुनाव को लेकर दक्षिण 24 परगना में हुई हिंसा पर सीएम बनर्जी ने कहा कि आज जो लोग बोल रहे हैं कि बंगाल में शांति नहीं है, मैं उनसे पूछती हूं कि सीपीआई(एम) के राज में कौन सी शांति थी। ‘कल तक पंचायत चुनाव के लिए 2 लाख 31 हजार नामांकन दाखिल हुए हैं। इनमें से टीएमसी ने 82 हजार नामांकन किया लेकिन विरोधी दल ने एक-डेढ़ लाख नामांकन किया। ‘मैंने हमेशा कहा है कि मैं बदलाव चाहती हूं, बदला नहीं। वे आज कह रहे हैं कि वे हमें रोकेंगे। अगर आप हमें डंडे से रोक रहे हैं तो मैं विरोध करने के लिए अपने झंडे का इस्तेमाल करूंगी। उन्होंने कहा, ”मैं जब तक रहूंगी तब तक कभी भेदभाव नहीं करूंगी। इस पंचायत चुनाव के दौरान मैं ऐलान करती हूं कि 2024 में हम पीएम नरेंद्र मोदी को उनकी कुर्सी से हटा देंगे।
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बृजभूषण की गिरफ्तारी होती तो कुछ और होते हालात
- कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ चार्जशीट पर बोलीं रेसलर साक्षी
 
(फोटो : साक्षी)
नई दिल्ली। कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें उसने भाजपा सांसद के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट हटाने की अनुमति मांगी थी। इससे उन्हें राहत मिलती दिख रही है। अब इस मसले पर आंदोलन करने वालीं पहलवान साक्षी मलिक का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि यदि बृजभूषण सिंह को नाबालिग के पहले बयान के बाद ही अरेस्ट कर लिया जाता तो हालात कुछ और होते। साक्षी मलिक ने कहा कि नाबालिग के परिवार पर दबाव था, जिसके बाद उन्होंने शिकायत को वापस ले लिया। हालांकि नाबालिग के अलावा अन्य महिला पहलवानों के आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस ने कुछ सबूत मिलने की बात कही है। पुलिस ने पीछा करने और शील भंग के आरोपों में सेक्शन 354 और 354डी समेत कई धाराओं में आरोप लगाए हैं। अब इस मामले में साक्षी मलिक ने कहा कि हमारी लीगल टीम के पास जब चार्जशीट आ जाएगी तो फिर आगे का फैसला लिया जाएगा।
डेडलाइन खत्म, अब क्या होगा आगे
बता दें कि मई के आखिरी सप्ताह में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मुलाकात हुई थी। तब कहा गया था कि सरकार ने 15 जून तक का वक्त कार्रवाई के लिए मांगा है। इसके अलावा बृजभूषण, उनके परिवार और रिश्तेदारों को कुश्ती महासंघ के चुनावों से दूर रखने की बात कही है। अब 15 जून की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। पहलवानों और किसान नेताओं ने कहा था कि यदि मांगों पर फैसला नहीं हुआ तो फिर 17 जून से दोबारा आंदोलन शुरू होगा। ऐसे में यह देखना होगा कि पहलवानों का आगे क्या रुख होता है। गौरतलब है कि आंदोलन का चेहरा रहे तीनों ही पहलवान फिलहाल रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौट चुके हैं। साक्षी मलिक ने कहा था कि नौकरी हमारी जिम्मेदारी है और आंदोलन सत्याग्रह है। हम दोनों से ही पीछे नहीं हटेंगे।
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