छह महिला जजों की सेवाएं एक साथ खत्म

हाईकोर्ट की अनुशंसा पर कार्रवाई

भोपाल। मध्यप्रदेश में शायद पहली बार है, जब एक साथ 6 महिला जजों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। प्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की ओर से कहा गया कि अपनी परिवीक्षा अवधि यानी कि प्रोबेशन पीरिएड के दौरान ड्यूटी का संतोषजनक निर्वहन नहीं कर पाने की वजह से महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट मीटिंग में इन जजों को सेवा से पृथख करने की अनुशंसा की गई थी, जिसके बाद ये फैसला किया गया है।

इन महिला जजों की सेवाएं समाप्त की गई

  • सुश्री सरिता चौधरी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश उमरिया।
  • सुश्री रचना अतुलकर जोशी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश त्योंथर रीवा।
  • सुश्री प्रिया शर्मा प्रथम व्यवहार न्यायाधीश डॉ अंबेडकर नगर इंदौर।
  • सुश्री सोनाक्षी जोशी पंचम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश मुरैना।
  • सुश्री आदित्य कुमार शर्मा पंचम व्यवहार न्यायाधीश टीकमगढ़।
  • सुश्री ज्योति बरखड़े व्यवहार न्यायाधीश टिमरनी हरदा।

मीटिंग में हुआ फैसला

इन सभी जजों को लेकर 8 और 10 मई 2023 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक आयोजित की गई थी। वहीं 13 मई 2023 को भी इस विषय में फुलकोर्ट मीटिंग की गई थी। इन मीटिंग्स में फैसला लेकर शासन को उक्त जजों को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई थीं। इसके बाद 9 जून को विधि विभाग ने एक्शन लेते हुए महिला जजों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

6 महिला जज हुईं बर्खास्त

मध्य प्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ 6 महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया है। इन जजों में रीवा, उमरिया, इंदौर, मुरैना, टीकमगढ़ और हरदा में पदस्थ महिला जज शामिल हैं। इस संबंध में 9 जून 2023 को मध्य प्रदेश के राजपत्र में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

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