–पीएम मोदी ने संभाला मोर्चा, ली हाईलेवल मीटिंग, सुरक्षा के इंतजाम
— सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की टीमें तैनात
–23 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की तैयारी
–
इंट्रो
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 15 जून को गुजरात के कच्छ में दस्तक दे सकता है। ऐसे में मुंबई हाईअलर्ट पर है। गुजरात में करीब 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अगले दो दिनों में 23 हजार को हटाया जाएगा। यहां एनडीआरएफ की 12 टीम नावों, पेड़ काटने के उपकरणों और संचार उपकरणों के साथ तैनात हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हाईलेवल मीटिंग ली और संवेदनशील स्थलों से लोगों की निकासी सुनिश्चित करने को कहा है।
—
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बचाव दल चक्रवात बिपारजॉय के मार्ग में संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर रहे हैं। यह चक्रवात 15 जून को गुजरात के कच्छ क्षेत्र में दस्तक दे सकता है। प्रधानमंत्री ने आसन्न चक्रवात से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस चक्रवात का पाकिस्तान पर भी असर पड़ने की आशंका है। बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, हमारी टीम संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों की सुरक्षित निकासी और आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित कर रही हैं। सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित रूप से निकाला जाए। मोदी ने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की क्षति होने की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और उन्होंने हफ्ते में सातों दिन 24 घंटे चलने वाले नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र शामिल हुए। बैठक के दौरान, आईएमडी ने बताया कि चक्रवात बिपारजॉय के 15 जून की दोपहर तक गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच सौराष्ट्र और कच्छ को एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पार करने की उम्मीद है।
—
तेज हवाओं के साथ होगी बारिश
आईएमडी अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, चक्रवात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है। यह 15 जून को दोपहर के आसपास गुजरात के तट पर पहुंचेगा। इससे पहले 135-145 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। बहुत भारी बारिश होगी। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ सहित अन्य क्षेत्रों में 15-16 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है और मछुआरों को 16 जून तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।
–
आज से हटाने का अभियान
करीब 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कच्छ-सौराष्ट्र जिलों में तट से 10 किलोमीटर की दूरी तक बसे गांवों के निवासियों को वहां से हटाने का अभियान मंगलवार को शुरू होगा। पोरबंदर के 31 गांवों से करीब 3,000 लोगों को और देवभूमि द्वारका में करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तट से 10 किमी के दायरे में स्थित गांवों के करीब 23,000 लोगों को मंगलवार को (अस्थायी) आश्रय घरों में ले जाया जाएगा।
—
ये इलाके हो सकते हैं प्रभावित
चक्रवात के प्रभाव में, गुजरात के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की आशंका है, जिसमें 14-15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में अत्यधिक भारी वर्षा और पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा शामिल है। आईएमडी ने यह भी बताया कि वह छह जून को चक्रवाती प्रणाली की शुरुआत के बाद से सभी राज्यों और संबंधित एजेंसियों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ नियमित बुलेटिन जारी कर रहा है। पीएमओ के अनुसार, गृह मंत्रालय चौबीसों घंटे स्थिति की समीक्षा कर रहा है। राज्य सरकार और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है।
—
तूफान से निपटने ऐसी तैयारी
00 एनडीआरएफ की 12 टीम नावों, पेड़ काटने के उपकरणों और संचार उपकरणों के साथ तैनात है।
00 15 और दलों को भी विशेष रूप से तैयार रखा गया हैं।
00 भारतीय तट रक्षक और नौसेना ने राहत, तलाश और बचाव कार्यों के लिए जहाजों और हेलीकाप्टरों को तैनात किया है।
00 वायुसेना और सेना की अभियांत्रिकीय कार्यबल इकाइयां भी तैनाती के लिए तैयार हैं।
00 तट पर निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
00 सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के आपदा राहत दल और चिकित्सा दलों को भी तैयार रखा गया है।
000

