मणिपुर में सेना का सर्च ऑपरेशन
इंफाल। मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ा दी है। सेना ने शनिवार को चौथे दिन पहाड़ी और घाटी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया। राज्य में चल रहे तलाशी अभियान में लगभग 53 हथियार, 39 बम और 74 गोला-बारूद और मैगजीन बरामद की गई हैं। अब तक सेना 957 हथियार बरामद कर चुकी है। जॉइंट कॉम्बिंग ऑपरेशन में सेना के जवानों और पुलिस बल को 22 ऑटोमैटिक हथियार मिले। इस बीच राज्य में 15 जून तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है। आयुक्त (गृह) टी. रणजीत सिंह द्वारा शनिवार रात को जारी आदेश में कहा गया कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल इंटरनेट सेवा को स्थगित करने का फैसला अब 15 जून अपराह्न तीन बजे तक लागू रहेगा। राज्य में जातीय हिंसा के बाद तीन मई को इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई थी। इंटरनेट सेवा पर रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ाने के लिए जारी आदेश में कहा गया, कुछ असमाजिक तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों को भड़काने के लिए तस्वीर, घृणा फैलाने वाला भाषण, नफरती वीडियो संदेश प्रसारित करने में कर सकते हैं जिसका गंभीर प्रभाव राज्य की कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है।
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अब तक 100 की मौत
गौतलब है कि मणिपुर में एक महीने पहले हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई थी और 310 अन्य घायल हुए थे। मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सपम रंजन सिंह ने बताया कि राज्य में शनिवार से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, यह इस बात का सबूत है कि हमारे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लौट रही है।
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इसलिए हो रही हिसा
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नगा और कुकी राज्य की जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पर्वतीय जिलों में निवास करते हैं।
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