–15 जून को सबसे अधिक खतरा, छत्तीसगढ़ में नहीं होगा कोई असर
इंट्रो
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रविवार यह अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया और इसके 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले पहुंचने की संभावना है। सबसे अधिक खतरा 15 जून को ही है। मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चक्रवात के संबंध में एक अलर्ट भी जारी किया है। इस बीच, गुजरात के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ और बचाव दल तैनात कर दिया गया है।
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अहमदाबाद। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि ‘बिपरजॉय’ चक्रवात “अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदल गया है और 15 जून की दोपहर के आसपास यह सौराष्ट्र-कच्छ तथा इससे सटे पाकिस्तान के तटों से गुजर सकता है। आईएमडी ने कहा कि पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर सक्रिय बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान “बिपरजॉय” रविवार सुबह पोरबंदर से लगभग 480 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, द्वारका से 530 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कच्छ में नलिया से 610 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। आईएमडी ने ट्वीट किया, गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ रविवार सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया। यह पोरबंदर से लगभग 480 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, द्वारका से 530 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कच्छ में नलिया से 610 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। आईएमडी ने कहा, यह 15 जून की दोपहर के आसपास बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बनकर सौराष्ट्र-कच्छ और उससे सटे पाकिस्तान के तटों से गुजर सकता है। आईएमडी ने रविवार की तड़के जारी परामर्श में कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट के निकट 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की गति से हवाएं चलेंगी, जो 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।
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हर दिन बढ़ेगी हवा की रफ्तार
परामर्श में कहा गया है कि सोमवार को 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो बढ़कर 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। मंगलवार और बुधवार को 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। इसी तरह बृहस्पतिवार को 55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।
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15 जून के लिए अलर्ट
मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने रविवार बताया कि चक्रवात बिपरजॉय पोरबंदर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 450 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके उत्तर में बढ़ने का अनुमान है। 15 जून की दोपहर कच्छ तट को पार करेगा जिसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रतिघंटा का पूर्वानुमान है। 15 जून को सबसे अधिक खतरा है और सब लोगों को घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रहें। इसके आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं जिसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में व्यवधान आ सकता है। इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा।
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मछुआरों को दी सलाह
क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी गई है और मछुआरों को 12 से 15 जून के बीच मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर तथा 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के पास न जाने का निर्देश दिया गया है। आईएमडी ने समुद्र में गए लोगों को तट पर लौटने और अपतटीय एवं तटवर्ती गतिविधियों को विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की सलाह दी है।
दक्षिण भारत में बारिश
मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में चार दिनों में बारिश की संभावना है। केरल और कर्नाटक में सोमवार भारी बारिश की संभावना है। गुजरात में अगले चार दिन में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है, खासकर सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में हवा की गति तेज रहेगी।
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छत्तीसगढ़ में चक्रवात का असर नहीं, पड़ेंगे छींटे
मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एचपी चंद्रा के अनुसार चक्रवात ‘बिपरजॉय’ का छत्तीसगढ़ में असर नहीं होगा। ‘बिपरजॉय’ छत्तीसगढ़ से सैकड़ों किलोमीटर दूर है। यह आगे बढ़ने के बाद कमजोर होकर उत्तर-पश्चिम भारत की ओर जाएगा। इसके बाद देश मानसून की गतिविधियां बढ़ेगी। माना जा रहा है कि 21 जून के आसपास छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय हो जाएगा। 14 जून के बाद छत्तीसगढ़ के तापमान में गिरावट आएगी। प्री-मानसून की गतिविधियां शुरु होगी। इस बीच, स्थानीय प्रभाव से 12 जून को एक स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक -दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने और अंधड़ चलने की भी संभावना है। अधिकतम तापमान में गिरावट होगी किंतु विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ़ आने की संभावना है। बस्तर संभाग तथा उससे लगे जिलों में अधिकतम तापमान में 14 जून को गिरावट संभावित है।
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