-झारखंड का रहने वाला है आरोपी शख्स
नई दिल्ली। झारखंड के रहने वाले एक शख्स को इंटरनेट पर ही पाकिस्तानी लड़की से प्यार हो गया। इसके बाद उसे पता भी नहीं चला कि कब वह आईएसआई के लिए काम करने लगा। उसका धर्म परिवर्तन भी करवा दिया गया। साल 2007 में पुणे पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिय। इसके बाद उसे सात साल जेल में रहना पड़ा। घटना को 16 साल बीत चुके हैं लेकिन पुणे पुलिस अब भी आईएसआई एजेंट सलाहुद्दीन शा और उसकी बेटी फातिमा के बारे में जानकारी लेने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पुलिस ने विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है।
बात 2005 की है। झारखंड का रहने वाला विशाल पुणे पढ़ाई करने आया था। यहीं उसे इंटरनेट पर ही एक पाकिस्तानी लड़की से प्यार हो गया। वह हादापसार कॉलेज में पढ़ता था। वह लड़की से याहू मैसेंजर के जरिए घटों चैटिंग करता। लड़की ने बताया कि वह कराची की रहने वाली है। दोनों ने एक दूसरे के परिवार की भी जानकारी साझा की। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक फातिमा पाकिस्तान के एक आईएसआई एजेंट की बेटी थी। विशाल उसके प्यार में पागल हो गया था। उसने फातिमा से शादी का प्रस्ताव रखा। पहले तो फातिमा के पिता ने इनकार किया लेकिन बाद में वह इस शर्त पर मान गए कि विशाल को धर्म परिवर्तन करना होगा।
1.5 लाख का फोन बिल
फातिमा ने विशाल को अपना सेल फोन नंबर दिया। इसके बाद विशाल एक एसटीडी बूथ से घंटों बातें करने लगा। हाल यह था कि एसटीडी बूथ से उसने 1.5 लाख रुपये की कॉल की। बूथ के मालिक ने पुलिस को बताया कि विशाल ने उसे 40 हजार रुपये का भुगतान किया था। विशाल फातिमा के परिवार से भी फोन पर बात करता था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक फातिमा और उसके पिता ने विशाल को पाकिस्तान बुलाया। उन्होंने लालच दिया कि विशाल की फातिमा से शादी करवा दी जाएगी और इसके बाद उसे लंदन में शेटल कर दिया जाएगा।
विशाल ने वीजा अप्लाई किया लेकिन रिजेक्ट हो गया। इसके बाद फातिमा के पिता ने उसे दिल्ली में पाकिस्तानी उच्यायोग के एक कर्मचारी सैयद एस हुसैन तिरमीजी का नंबर दिया और कहा कि वह उसकी मदद करेंगे। तिरमीजी ने का भी नाम इस केस में आया था। इसके बाद विशाल ने तिरमीजी से संपर्क किया। वह दिल्ली आया और पहाड़गंज इलाके में रहने लगा। इस दौरान कई बार फातिमा के पिता ने उसे पैसे भी भेजा। तिरमीजी ने विशाल के लिए वीजा का इंतजाम करवा दिया। वह 2006 और 2007 में दो बार पाकिस्तान गया।
पुणे पुलिस के एक पूर्व अधिकारी के मुताबिक, विशाल जब पाकिस्तान से लौटा तो उसके पास कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी थे। उसने पुणे के आसपास सैन्य ठिकानों और अन्य जगहों की जानकारी इकट्ठी खी। वह पाकिस्तानी एजेंट को जानकारियां देने वाला था। इसी बीच उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे जासूसी के आरोप में पुलिस ने 8 अप्रैल 2007 को गिरफ्तार किया था। पुलिस से उसके पास से कई संदिग्ध पोटोग्राफ मिले थे। वह पुणे में एनडीए भी गया था। उसके पास कई संवेदनशील जगहों के फोटो थे। इसके अलावा सेना के अधिकारियों के नंबर भी थे।
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