जमीन 15 दिन में खाली करो, वरना एक्शन, विश्व भारती ने दिया अमर्त्य सेन को आदेश

कोलकाता। बंगाल की विश्वभारती यूनिवर्सिटी ने नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को 13 डेसिमल जमीन खाली करने का आदेश दिया है। यूनिवर्सिटी ने एक प्रस्ताव पारित कर अमर्त्य सेन को यह आदेश दिया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि यदि अमर्त्य सेन ने जमीन को खाली नहीं किया तो फिर बल प्रयोग भी किया जा सकता है। अमर्त्य सेन फिलहाल विदेश में हैं और उनकी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यूनिवर्सिटी ने उन्हें जमीन खाली करने के लिए 6 मई तक का वक्त दिया है। बंगाल की इस एकमात्र यूनिवर्सिटी की स्थापना गुरु रबींद्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी। प्रधानमंत्री इस यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं। यूनिवर्सिटी का कहना है कि उसकी 1.38 एकड़ जमीन के एक हिस्से पर अमर्त्य सेन का पैतृक आवास बना हुआ है। ऐसे में उन्हें इस जमीन से कब्जा छोड़ना होगा। विश्व भारती यूनिवर्सिटी बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। 89 वर्षीय नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन फिलहाल अमेरिका में हैं। वह कभी-कभार सर्दियों के दौरान इस आवास में आकर ठहरते हैं, जिसे उनके पिता ने बनवाया था। सेन पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी के आदेश में कहा गया है, ‘भारत और बंगाल की सरकार की ओर से कई बार इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं कि विश्व भारती की जमीन पर अवैध कब्जे को खाली किया जाए।’ आदेश में कहा गया है कि कैग की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा है। आदेश में कहा गया है, ‘अब सवाल यह है कि 13 डेसिमल जमीन को कैसे रिकवर किया जाएगा। यूनिवर्सिटी परिसर के पश्चिम और पूर्व की तरफ की जमीन विश्व भारती की है। उत्तर दिशा में पीडब्ल्यूडी रोड है। इसके अलावा दक्षिण दिशा में अमर्त्य सेन के परिवार की जमीन है। अमर्त्य सेन जमीन के सर्वे में हिस्सा ले सकते हैं या फिर सुनवाई में मौजूद रह सकते हैं। उन्हें अपनी पसंद बतानी चाहिए।’ यूनिवर्सिटी ने कहा कि यदि अमर्त्य सेन की ओर से यदि कोई जानकारी नहीं दी जाती है तो फिर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल यूनिवर्सिटी की ओर से अमर्त्य सेन को 17 मार्च और 13 अप्रैल को नोटिस जारी किया गया था और उसका जवाब न देने के बाद अब जमीन खाली करने का आदेश दिया है।

0000

प्रातिक्रिया दे