अतीक और अशरफ हत्याकांड में पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड, रिमांड पर शूटर

— माफिया राज हर दिन खुल रहा राज, एसआईटी की रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई

— तीन आरोपी शूटर को कोर्ट में किया गया पेश, चार दिन की पुलिस रिमांड


इंट्रो

माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ की हत्या मामले में पुलिसवालों पर गाज गिरी है। अतीक की सुरक्षा में लगे 5 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है। इधर, सीजेएम कोर्ट ने बुधवार को अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपी को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के मामले में शाहगंज थाना के एसएचओ अश्वनी कुमार सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी सूचना दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अतीक और अशरफ हत्या मामले में शाहगंज थाना के एसएचओ अश्वनी कुमार सिंह, एक उप निरीक्षक और तीन कांस्टेबल को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच में दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही पाए जाने पर यह कदम उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि शनिवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब पुलिस उन्हें लेकर चिकित्सा परीक्षण के लिए शाहगंज थाना अंतर्गत काल्विन अस्पताल परिसर में दाखिल हुई थी। शाहगंज थाना, काल्विन अस्पताल से चंद कदम की दूरी पर स्थित है। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने इस घटना की जांच के लिए अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश चंद्र के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की है। दो अन्य सदस्यों में एसीपी कोतवाली सतेंद्र प्रसाद तिवारी और निरीक्षक (विवेचना सेल, अपराध) ओम प्रकाश शामिल हैं।

करीबी कालिया धरा गया

अतीक अहमद के गैंग के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई जारी है। अतीक के गिरोह के एक और शूटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। असाद कालिया को यूपी पुलिस ने बुधवार को प्रयागराज से गिरफ्तार किया है। कालिया माफिया अतीक का बेहद करीबी सदस्य बताया जाता है। असाद कई मामलों में फरार चल रहा था। पुलिस ने असाद कालिया पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा उसके दो साथी को पकड़ा गया. कालिया काफी समय से फरार चल रहा था। फिलहाल पुलिस असाद कालिया से पूछताछ कर रही है।

कब्र पर फहराया तिरंगा, हिरासत में कांग्रेसी

राजनीतिक लाभ के लिए माफिया अतीक अहमद की मजार पर तिरंगा फहराने वाले कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी राजकुमार सिंह रज्जू को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया है। पार्टी ने रज्जू को छह वर्ष के लिए निष्काषित कर दिया है। जिला कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि साउथ मलाका के आजाद नगर से कांग्रेस के टिकट पर पार्षद प्रत्याशी राजकुमार सिंह रज्जू बुधवार को अतीक और अशरफ की मजार पर तिरंगा फहराने गया था, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा अंशुमन ने बताया कि राजकुमार सिंह रज्जू को पार्टी से छह वर्ष के लिए निकाल दिया गया है।

आरोपियों को दौड़ाकर कोर्ट में पेश किया

अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के आरोपी लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ सनी और अरुण कुमार मौर्य को बुधवार को मुख्य दंडाधिकारी (सीजेएम) डी.के. गौतम की अदालत में पेश किया गया। आरोपियों को सीजेएम डी.के. गौतम की अदालत में पेश किया गया और करीब एक घंटे की पेशी के बाद उन्हें यहां से पुलिस अपने साथ ले गई। उन्होंने बताया कि पेशी के बाद आरोपियों को दौड़ा कर अदालत परिसर से बाहर ले जाया गया। उनके अनुसार, ऐसा एहतियात के तौर पर किया गया। कोर्ट ने तीनों आरोपी को चार दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया।

इधर, नया खुलासा

अतीक बना रहा था नया घर, बदलना चाहता था धंधा

उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद को इस बात का एहसास तो था कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में उसके दिन लदने शुरू हो जाएंगे। हालात बदलने के साथ उसने न सिर्फ उत्तर प्रदेश से खुलेआम फिरौती और अपहरण जैसे धंधे से मुंह मोड़ना पड़ा, बल्कि अपने ‘सेकंड होम’ के तौर पर महाराष्ट्र, राजस्थान और जेल में बंद रहने के दौरान गुजरात में मजबूत नेटवर्क बनाना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक कभी अतीक के इशारे पर उसके गुर्गे पानी की तरह पैसा बहा देते थे। लेकिन बदले हालात में उन लोगों ने न सिर्फ अतीक को बल्कि उसके बेटों को भी तवज्जो देनी बंद कर दी थी। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वह देश के कुछ राज्यों में बड़ी मोटर गाड़ियों के शोरूम खोलने की कोशिश में लगा हुआ था। इसके लिए उसके कुछ पुराने लोग न सिर्फ मदद कर रहे थे, बल्कि अपने नेटवर्क के लोगों के धंधों में अतीक का पैसा लगवा कर सुरक्षित करने में भी लगे हुए थे। 2017 के बाद अतीक अहमद को उस तरह अपराध को करने के लिए खुले हाथ तो नहीं मिल सके, लेकिन उसका खौफ इतना था कि लोग डर के चलते उसको गुलाबी और सफेद पर्चियों के माध्यम से तय रकम भिजवा देते थे।

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