पायरेसी के जरिए फिल्मों का नहीं होगा प्रसारण

सिनेमेटोग्राफी विधेयक को मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 को मंजूरी प्रदान की, जिसमें फिल्मों में साहित्यिक/सामग्री की चोरी या पायरेसी के जरिये फिल्मों के इंटरनेट पर प्रसारित होने से रोकने की व्यवस्था हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि संसद के अगले सत्र में सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 को पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में इस संबंध में एक विधेयक पेश किया गया था और उसे संसद की स्थायी समिति को भेजा गया था। स्थायी समिति ने इस पर सुझाव दिये थे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस बारे में सभी पक्षकारों के साथ चर्चा की गई और दुनिया में अच्छे चलन को शामिल किया गया। मंत्री ने कहा कि फिल्मों में साहित्यिक/सामग्री की चोरी या पायरेसी से नुकसान नहीं हो, इसलिये यह विधेयक तैयार किया गया है। इससे पूरे फिल्म जगत को लाभ होगा।

आयु वर्ग के आधार पर प्रमाणन

विधेयक में फिल्मों को वर्तमान ‘यू’, ‘ए’ और ‘यूए’ की व्यवस्था की बजाए आयु वर्ग के हिसाब से वर्गीकरण करने का प्रावधान किया गया है। ज्ञात हो कि ‘यू’ प्रमाणन बिना रोक के सार्वजनिक प्रदर्शन करने से संबंधित है जबकि ‘ए’ प्रमाणन वयस्क आयु वर्ग के दर्शकों के लिए तथा ‘यूए’ प्रमाणन अभिभावकों की निगरानी में 12 वर्ष से नीचे के बच्चों के लिए है। पिछले सप्ताह सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने मुम्बई में एक समारोह में कहा था कि इस विधेयक में इंटरनेट पर फिल्मों की सामग्री के प्रसारण से जुड़े प्रावधानों को जोड़ा जा रहा है।

‘राष्ट्रीय क्वांटम मिशन’ के लिए 6 हजार करोड़

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी प्रदान की। इस पर अगले आठ वर्षों में करीब छह हजार करोड़ रुपये का व्यय आयेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जितेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी। यह मिशन सटीक समय, संचार और नौवहन के लिए परमाणु प्रणालियों और परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा। ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि इस राष्ट्रीय क्वांटम मिशन पर 6003 करोड़ रुपये की लागत आयेगी और इसकी समयावधि वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक होगी।

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