प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर एक स्मारक सिक्का जारी किया और ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस’ की भी शुरुआत की। इस आईबीसीए में ऐसे देश शामिल हैं, जहां ‘मार्जार’ प्रजाति के सात पशु-बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, पुमा, जगुआर और चीता पाए जाते हैं। यह संगठन इन पशुओं के संरक्षण एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा। साथ ही पीएम मोदी ने बाघों की संख्या के नए आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक वर्ष 2022 में देश में बाघों की संख्या 3167 थी. पिछले 4 साल में 200 बाघ बढ़े। इससे पहले 2018 में ये संख्या 2967 थी। पीएम मोदी ने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा एक सार्वभौम मुद्दा है। आईबीसीए को ‘बिग कैट’ की प्रजातियों के संरक्षण एवं सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने आंकड़े का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, आज बाघों की जो संख्या है वह दिखाती है कि हमारे यहां इस परिवार के सदस्य बढ़ रहे हैं। यह गर्व का क्षण है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से बाघों की संख्या में वृद्धि पर खुलकर प्रशंसा करने का आह्वान करते हुए कहा, मुझे भरोसा है और मैं दुनिया को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में इस दिशा में और अधिक हासिल करेंगे।
ऐसे बढ़ते गया आंकड़ा
आंकड़ों के अनुसार, देश में 2006 में बाघों की संख्या 1411, 2010 में 1706, 2014 में 2,226, 2018 में 2,967 और 2022 में 3,167 थी। प्रधानमंत्री ने कहा, यह खुशी की बात है कि एक तरफ हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए और आज भारत में दुनिया की 75 फीसदी बाघ आबादी है। यह भी संयोग है कि भारत में बाघ अभयारण्य 75,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है। पिछले 10-12 वर्षों में बाघों की संख्या 75 फीसदी बढ़ी है।
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