संयुक्त राष्ट्र में भारत की शानदार जीत, धुर विरोधी चीन को पछाड़ा

-अंतर्राष्ट्रीय संगठन की स्टैटिकल बॉडी में में 4 साल के लिए मिली जगह

-1 जनवरी 2024 से शुरू होगा यह कार्यकाल

  • भारत को चुनाव में मिले 53 में से 46 मत

-दक्षिण कोरिया (23), चीन (19) बहुत पीछे छूटे

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत की धमक लगातार बढ़ती जा रही है। भारत को चार साल के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च सांख्यिकीय बॉडी के लिए चुना गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात की जानकारी दी है। जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा, “भारत 1 जनवरी 2024 से शुरू होने वाले 4 साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च सांख्यिकीय निकाय के लिए चुना गया है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन टीम को इस चुनाव में इतनी मजबूती से जीत दर्ज करने के लिए बधाई।” उन्होंने यह भी कहा कि सांख्यिकी, विविधता और जनसांख्यिकी के क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता ने इसे संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग में स्थान दिलाया है। भारत ने अभी-अभी संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के चुनाव में 53 में से 46 मत प्राप्त करके अपने प्रतिद्वंद्वियों दक्षिण कोरिया (23), चीन (19) और संयुक्त अरब अमीरात (15) को बहुत पीछे छोड़ दिया। भारत ने यह शानदार जीत हासिल की है। यहां दो सीटों के लिए चार उम्मीदवार थे। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की स्थापना 1947 में गई थी। यह सांख्यिकीय प्रणाली का दुनिया का सर्वोच्च संस्था है।

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भारत को गुप्त और इन देशों को चुना गया मौखिक मतदान से

पीटीआई के मुताबिक, भारत को गुप्त मतदान के जरिये चुना गया जबकि अर्जेंटीना, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, यूक्रेन, यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया और अमेरिका को मौखिक मतदान (बगैर मतपत्र) से चुनाव गया।

ये है संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी समिति

इस निकाय में संयुक्त राष्ट्र के 24 सदस्य देश शामिल होते हैं, जिन्हें एक समान भौगोलिक वितरण के आधार पर यूएन इकोनॉमिक और सोशल काउंसिल की ओर से चुना जाता है। इसके सदस्यों में पांच अफ्रीकी देश, एशिया-प्रशांत क्षेत्र से चार, पूर्वी यूरोप से चार, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र से चार और पश्चिम यूरोप से सात देश शामिल होते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकीय गतिविधियों के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन समेत सांख्यिकीय मानकों की स्थापना और अवधारणाओं और तरीकों के विकास के लिए जिम्मेदार है।

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