राहुल को ‘राहत’, बोले-मित्रकाल के खिलाफ और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई

-मानहानि मामले में मिली जमानत, दोषसिद्धि पर रोक के लिए 13 को सुनवाई

  • राहुल के समर्थन में सूरत पहुंचे सीएम भूपेश, गहलोत और सुक्खू
  • कांग्रेस नेताओं के सूरत जाने पर भड़की भाजपा, केंद्रीय मंत्री ने की निंदा

इंट्रो

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती दी। उन्होंने सूरत की सत्र अदालत में एक अपील दायर की और उन्हें जमानत दे दी गई। राहुल के समर्थन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तीन राज्यों के सीएम समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी सूरत पहुंचे। इसको लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री रिजीजू ने कांग्रेस की निंदा की है।

सूरत। राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत ने कहा कि वह मामले में शिकायतकर्ता-भारतीय जनता पार्टी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करने के बाद 13 अप्रैल को दोषसिद्धि के निलंबन के लिए गांधी की याचिका पर सुनवाई करेगी। सत्र अदालत ने प्रतिवादी (पूर्णेश मोदी) को 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा। राहुल की कानूनी टीम के एक सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, हमने निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ राहुल गांधी की अपील के साथ-साथ उनकी जमानत और सजा के निलंबन के लिए एक अर्जी दायर की है। सत्र अदालत ने इस मामले की सुनवाई की और उन्हें जमानत दे दी। अदालत उनकी दोषसिद्धि पर रोक के संबंध में 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं होगी। अपराह्न करीब तीन बजे मामले की सुनवाई के समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी के अन्य नेता अदालत कक्ष में मौजूद थे। राहुल गांधी और प्रियंका अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक लग्जरी बस में सत्र अदालत परिसर पहुंचे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई अन्य नेता सूरत में मौजूद थे। राहुल के खिलाफ भाजपा के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उस टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें उन्होंने कहा था, सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?

अब आगे क्या

10 अप्रैल तक शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करेंगे

13 अप्रैल को दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने वाली अर्जी पर सुनवाई होगी

3 मई को अदालत मुख्य अर्जी पर सुनवाई करेगी जिसमें कि सीजेएम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।

क्या है मामला

राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में टिप्पणी की थी। कांग्रेस नेता 2019 में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्हें 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने दोषी ठहराया और दो साल की जेल की सजा सुनाई।

राहुल बोले-सत्य मेरा अस्त्र

राहुल ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के बाद कहा कि वह ‘मित्रकाल’ के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें सत्य ही उनका अस्त्र है। उन्होंने ट्वीट किया, ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!

इधर सियासी जंग

भाजपा ने नरसिम्हा राव की याद दिलाई

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को अदालत की ओर से दोषी ठहराया गया तो कांग्रेस चुप थी। पी चिदंबरम और डीके शिवकुमार को भी समर्थन नहीं मिला जो जमानत पर बाहर हैं। केवल राहुल गांधी के लिए, कांग्रेस नाटक कर रही है क्योंकि वे एक परिवार को भारत और उसके कानूनों से ऊपर मानते हैं। अब तक वह (राहुल गांधी) अदालतों में पेश होने से बचते थे और अपनी व्यक्तिगत पेशी से छूट पाने के लिए वकीलों को खड़ा करते थे। अब वह जुलूस सूरत ले जा रहे हैं जब व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है।

पात्रा ने राहुल के आचरण पर उठाए सवाल

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह इस तरह का आचरण कर रहे हैं मानों वह (राहुल गांधी) और उनका परिवार देश के कानून से ऊपर हैं। राहुल को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह भारत हैं और भारत राहुल है। आपको अदालत ने दोषी ठहराया था क्योंकि आपने ओबीसी समुदायों पर एक टिप्पणी की थी। आप ओबीसी को हल्के में नहीं ले सकते, आप उनका अपमान नहीं कर सकते। मत भूलिए जनजातीय समुदाय से आने वाली एक महिला देश की पहली राष्ट्रपति बनी हैं। भारत में ओबीसी समुदाय से प्रधानमंत्री हैं। हमारे मंत्रिमंडल में कई मंत्री उसी समुदाय से हैं।

कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो

कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने पलटवार करते हुए कहा कि अभी से कांप क्यों रहे हो? उन्होंने ट्विटर पर अरुण जेटली और उनके साथ कोर्ट जाते भाजपा नेताओं का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले अमित शाह कहते हैं कि राहुल गांधी सजा के खिलाफ न्यायालय में अपील क्यों नहीं कर रहे हैं? अब ट्रोल मंत्री कह रहे हैं कि राहुल गांधी न्यायालय में अपील करने खुद क्यों जा रहे हैं? साल 2015 में पूर्व वित्त मंत्री स्व अरुण जेटली जी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस करने पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे थे। उनके साथ में मोदी मंत्रिमंडल के मंत्रियों की टोली, बीजेपी के नेता भी न्यायालय पहुंचे थे। तब एकजुटता के लिए गए थे या न्यायालय पर दवाब बनाने के लिए।

बाबरी मस्जिद का मामला याद दिलाया

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि किरेन रिजिजू, लॉ मिनिस्टर के तौर पर आप एक मजाक हैं। क्या आप 2 प्रश्नों का उत्तर देना चाहेंगे? बाबरी मस्जिद की सुनवाई के दौरान पूरी भाजपा कोर्ट क्यों गई? अरुण जेटली ने मानहानि का केस किया तब पूरी भाजपा कोर्ट क्यों गई? दबाव बनाया जा रहा था। सस्ती बयानबाजी करना बंद कीजिए. इस देश के कानून मंत्री हैं आप, जो सच में दुर्भाग्य है।

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